
मणिपुर में जातीय हिंसा की वजह से हालात खराब हैं. इस बीच मिजोरम जैसे पड़ोसी राज्यों की भी चिंता बढ़ी हुई है. मणिपुर के हालात पर चिंता जताते हुए मिजोरम के सीएम जोरमथांगा का बयान आया है.
आजतक से बात करते हुए जोरमथांगा ने कहा कि मणिपुर के लिए स्थाई राजनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को सख्त एक्शन लेने को कहा. वह बोले कि अब तक जो किया गया है वह काफी नहीं है.
'अस्थाई पेन किलर से काम नहीं चलेगा'
जोरमथांगा ने कहा, 'केंद्र सरकार ने अब तक साफ नहीं किया है कि पूरे मुद्दे में वह किस तरफ है. केंद्र को राजनीतिक समाधान निकालना चाहिए. अस्थाई पेन किलर से काम नहीं चलेगा.'
जोरमथांगा ने दावा किया कि अबतक मणिपुर में जो स्थिति बिगड़ी है उसके लिए राज्य की सरकार ही जिम्मेदार है.
'म्यांमार के शरणार्थियों की मदद करते रहेंगे'
हिंसा के बीच खबरें हैं कि मणिपुर के साथ-साथ मिजोरम में भी म्यांमार से शरणार्थी दाखिल हो रहे हैं. गृह मंत्रालय साफ कह चुकी है कि इनको वापस भेजा जाना है, मतलब भारत में इनको नहीं रहने दिया जा सकता. लेकिन मिजोरम सीएम इसपर एकमत नहीं हैं.
जोरमथांगा ने कहा, 'गृह मंत्रालय ने कहा कि शरणार्थियों को वापस भेजा जाना है. लेकिन मैंने उनसे कहा कि जब 1971 में बंगाली शरणार्थी पश्चिम बंगाल में घुसे थे तब केंद्र सरकार ने क्या किया था? मेरे परिवार के लोग बर्मा (म्यांमार का पुराना नाम) में मारे गए. अगर केंद्र सरकार ने 1971 में बंगाली शरणार्थियों की मदद की थी तो ये सामान्य है कि मानवीय आधार पर हमें म्यांमार से आए शरणार्थियों की मदद करनी चाहिए.' वह बोले कि हमें अपने भाइयों और बहनों को आश्रय और भोजन देना चाहिए.
क्या मणिपुर सीएम बीरेन सिंह को पद से इस्तीफा देना चाहिए? इस पर जोरमथांगा ने कहा कि सीएम और केंद्र सरकार को इसपर फैसला लेना है. क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए? इसपर मिजोरम सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को ये देखना होगा. अगर राष्ट्रपति शासन लग भी लगा तो स्थिति कंट्रोल कौन करेगा ये देखना होगा.
मणिपुर के मुद्दे पर मिजोरम सीएम केंद्र सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं. लेकिन उनकी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) केंद्र सरकार के गठबंधन NDA की पार्टनर हैं. क्या ये गठबंधन आगे भी जारी रहेगा? इसपर जोरमथांगा ने कहा, 'गठबंधन पर कोई विचार नहीं करना है. हम NDA को मुद्दों के हिसाब से सपोर्ट करते हैं. अगर मिजो लोगों के खिलाफ कोई प्रस्ताव आता है तो उसका विरोध किया जाएगा लेकिन हम कांग्रेस या INDIA गठबंधन का सपोर्ट नहीं करेंगे.'