
केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव (Modi Cabinet Reshuffle) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. मोदी कैबिनेट में अब बदलाव होने की खबर सामने आ चुकी है. इसी बीच कई दिग्गज नेताओं को नई दिल्ली बुलाया जा रहा है, जबकि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को अब राज्यपाल बना दिया गया है. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी की कैबिनेट में कल शाम यानी बुधवार को साढ़े पांच से 6 बजे तक विस्तार हो जाएगा.
दिल्ली में नेताओं का जमावड़ा
कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया के बीच दिल्ली में नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. असम के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सर्बानंद सोनोवाल भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. इसके अलावा बिहार से जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दिल्ली पहुंचे हैं. लेकिन आरसीपी सिंह को लेकर बताया जा रहा है कि वो यहां चर्चा करने के लिए आए हैं, शपथ लेने के लिए नहीं आए हैं.
इसके अलावा, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि राणे मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, राणे इस बारे में कोई भी जानकारी देने से कतराते हुए नजर आए.
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंचे
तमाम नेताओं के बीच अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि जिस प्रकार मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने में सिंधिया ने अहम भूमिका निभाई है, उन्हें पीएम के मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इसके अलावा यूपी से बीजेपी नेता सकलदीप राजभर और लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा भी दिल्ली पहुंच चुके हैं.
ऐसे में कैबिनेट के लिए जिन 6 नेताओं का नाम सबसे ऊपर देखा जा रहा है उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल और सुशील मोदी का नाम शामिल है.
बताया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में यूपी को खास तवज्जो दी जाएगी, इसकी बड़ी वजह अगले साल वहां होने जा रहे विधानसभा चुनाव हैं. चुनाव को लेकर जातिगत और राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश का अक्स मोदी कैबिनेट के विस्तार में नजर आ सकता है.
क्यों हो रहा है इतना बड़ा बदलाव?
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे हो गए हैं, ऐसे में होने जा रहा ये बदलाव सबसे बड़ा माना जा रहा है. एक अहम कारण ये भी है कि कोरोना (Covid) की दूसरी लहर ने जिस तरह भारत में तबाही मचाई, उस दौरान केंद्र सरकार की छवि पर गहरी चोट पहुंची है. ऐसे में कैबिनेट विस्तार के जरिए काम को गति देने में और सभी समीकरणों को ठीक करने की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है.
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सिर्फ इतना ही नहीं, कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के जरिए जातीय, क्षेत्रीय और दलीय समीकरण को भी देखा जाएगा. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में यहां पर बड़ा फोकस रहेगा. वहीं बिहार (Bihar) को भी तवज्जो मिल सकती है, क्योंकि यहां पर बीजेपी जेडीयू के साथ सत्ता में है ऐसे में बिहार से सहयोगी दल को मौका मिल सकता है. अगले साल होने वाले 5 विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनावों को इस विस्तार से साधा जा सकता है.
कई मंत्रियों पर है एक से अधिक पोर्टफोलियो
कैबिनेट विस्तार का एक बड़ा कारण ये भी है कि मोदी सरकार में इस वक्त कई मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक मंत्रालय है. पीयूष गोयल, हरदीप पुरी समेत कई मंत्रियों का नाम इसमें शामिल है. ऐसे में अगर 20 से अधिक मंत्रियों को कैबिनेट विस्तार के जरिए मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो अतिरिक्त प्रभार वाले मंत्रियों पर से बोझ भी कम होगा.
किन सहयोगी दलों को मिल सकती है तवज्जो?
• जनता दल (यूनाइटेड) – बिहार
• लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) – बिहार
• अपना दल – उत्तर प्रदेश
इन राज्यों पर रहेगा फोकस
• उत्तर प्रदेश
• महाराष्ट्र
• बिहार
• पश्चिम बंगाल
• अन्य चुनावी राज्य
मंत्री बनने की लिस्ट में किसका नाम आगे?
• ज्योतिरादित्य सिंधिया
• सर्वानंद सोनोवाल
• नारायण राणे
• शांतनु ठाकुर
• पशुपति पारस
• सुशील मोदी
• राजीव रंजन
• संतोष कुशवाहा
• अनुप्रिया पटेल
• वरुण गांधी
• प्रवीण निषाद
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव की पटकथा लंबे वक्त से लिखी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही के दिनों में वरिष्ठ मंत्रियों के साथ कई बार लंबा मंथन किया है, इसके अलावा पार्टी स्तर पर भी लगातार बैठकें की जा रही हैं. ऐसे में कई दिनों से कैबिनेट विस्तार के संकेत सामने मिल रहे थे, जो अब काफी जल्द हो सकता है.