
केंद्र की नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल (Cabinet Expansion) में बुधवार को किए गए फेरबदल ने पंजाब और हरियाणा को निराश किया. केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री पद से रतन लाल कटारिया के इस्तीफे से हरियाणा की भागीदारी को कम कर दिया गया.
रतन लाल कटारिया के इस्तीफा देने पर यह माना जा रहा था कि खाली हुई सीट हरियाणा से ही भरी जाएगी लेकिन उम्मीद को पंख नहीं लगे. हालांकि यह तो माना जा रहा था कि हरियाणा की मोदी केबिनेट (Modi Cabinet) में भागदारी बढ़ाए जाने की संभावना कम है लेकिन कटारिया के इस्तीफे पर भरपाई की जाएगी.
कैबिनेट विस्तार में पंजाब-हरियाणा खाली हाथ
इसी तरह पंजाब में अगले साल की शुरुआत में ही होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद मिलने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन उम्मीदों को निराशा ही हाथ लगी क्योंकि अकाली दल और भाजपा गठबंधन टूटने के बाद यहां से हरसिमरत बादल की कैबिनेट सीट खाली हुई थी. उम्मीद जताई जा रही थी कि पंजाब को कैबिनेट मंत्रालय मिल सकता है. फ़िलहाल सोमप्रकाश के रूप में पंजाब से अब एक ही राज्य मंत्री का पद है. सोमप्रकाश दलित समाज से आते हैं और पंजाब में इस वर्ग का बड़ा वोट बैंक है. उम्मीद ये थी कि सोमप्रकाश को आगामी विधानसभा चुनाव के चलते कैबिनेट में जगह मिल सकती थी.
मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल विस्तार में जहां पर जातीय समीकरण साधा गया है और चुनावी समीकरण का भी पूरा ध्यान दिया गया है. इस कड़ी में किसी के हाथ निराशा लगी है तो किसी को अपनी मेहनत का उचित फल मिल गया है.
सीएम मनोहर हुए सक्रिय
वैसे हरियाणा की बात करें तो वहां से अब कैबिनेट में कोई मंत्री नहीं है, लेकिन सीएम मनोहर लाल खट्टर का लगातार केंद्र की तमाम योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम जारी है. इसी वजह से मुख्यमंत्री ने बुधवार को भी इस बारे में विधायकों और भाजपा जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में कहा कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में पार्टी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है.
क्लिक करें- मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शाह का कद और बढ़ा, मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन का मिला प्रभार
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के वालंटियर के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल लॉन्च किया. एक पखवाड़ा पहले भी इसी तरह की बैठक में मुख्यमंत्री ने भाग लिया था. कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन और कोरोना की वजह से राज्य सरकार की छवि पर गलत असर पड़ा है. ऐसे में अब इन जन कल्याण योजनाओं के जरिए फिर जनता के बीच खुद को साबित करने का प्रयास है.