
मोदी कैबिनेट के विस्तार (Modi Cabinet Reshuffle) में महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं को भी जगह मिलने वाली है. महाराष्ट्र के जो नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले हैं उनमें 5 में से 4 चेहरे हैं ऐसे हैं जो कभी कांग्रेस या एनसीपी में शामिल रहे हैं. आइए जानते हैं मोदी कैबिनेट में महाराष्ट्र से किन लोगों ( Maharashtra Leaders in Modi Cabinet) को जगह मिलने वाली है..
नारायण राणे को मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह
नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. वो कांग्रेस-एनसीपी सरकारों में विलासराव देशमुख, अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण के मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री और उद्योग मंत्री भी रहे हैं. राणे 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के वैभव नाइक से हार गए थे. बाद में 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी 'स्वाभिमानी पार्टी' बनाई. 2019 में उसका बीजेपी में विलय हो गया. नारायण राणे अभी राज्यसभा सांसद हैं और उनके बेटे नितेश राणे भी बीजेपी में हैं.
1990 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने जाने पर नारायण राणे पर हत्या के आरोप लगे थे. उन पर सिंधुदुर्ग जिले में स्थानीय कांग्रेस नेता की हत्या की साजिश रचने का आरोप था. हालांकि, उन्हें अदालत ने बरी कर दिया था. उनके खिलाफ कार्यकर्ता अंजलि दमानिया द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए थे.
राणे शिवसेना विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं
राणे अपने कट्टर उद्धव ठाकरे और शिवसेना विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं. वह कोंकण के रहने वाले हैं. महाराष्ट्र का कोंकण क्षेत्र शिवसेना का गढ़ है. उनका मुख्य काम शिवसेना को नियंत्रण में रखना होगा. 2005 में कांग्रेस में शामिल होने के लिए जब उन्होंने शिवसेना छोड़ दी तो उनका कोंकण क्षेत्र में काफी प्रभाव था. आज भी भले ही वह उतने शक्तिशाली न हो जितना 15 साल पहले थे, फिर भी इस क्षेत्र में उनका प्रभाव है. अगले साल बीएमसी चुनाव में वो बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. इसके अलावा वह मराठा समुदाय से हैं और उन्होंने ही समुदाय को आरक्षण देने की पहली बार लिखित रिपोर्ट दी थी.
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रंजीत नाईक निंबालकर
मढ़ा से सांसद रंजीत नाईक निंबालकर 2019 में BJP में शामिल हुए थे. इससे ठीक 15 दिन पहले उन्हें मढ़ा से बीजेपी का उम्मीदवार घोषित किया गया था. वह महाराष्ट्र के सतारा जिले से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे. निंबालकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के करीबी थे.
नाईक को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की वजह
मराठा नेता रंजीत नाईक निंबालकर एनसीपी के गढ़ पश्चिमी महाराष्ट्र से हैं. उनका मंत्रिमंडल में शामिल होना पश्चिमी महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए संदेश का काम करेगा. वह बीजेपी की ओर से पश्चिमी महाराष्ट्र से केंद्रीय कैबिनेट में पहले मंत्री होंगे.
डॉ भारती पवार
डॉ भारती पवार महाराष्ट्र के नासिक जिले के डिंडोरी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं. इनका निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति आरक्षित है. पवार पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर हैं. उन्होंने एनसीपी उम्मीदवार के रूप में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. 2019 में वह बीजेपी में शामिल हुईं और लोकसभा के लिए चुनी गईं.
भारती पवार को मंत्रिमंडल में जगह क्यों?
डॉ भारती पवार उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्र से शिक्षित, युवा आदिवासी चेहरा हैं. इससे बीजेपी आदिवासी वोटों को संदेश देगी.
कपिल पाटिल
कपिल पाटिल भिवंडी से सांसद हैं. वह ठाणे जिला परिषद (जिला निगम) के एनसीपी के अध्यक्ष रहे हैं. 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वो बीजेपी में शामिल हो गए. ओबीसी बिरादरी से आने वाले पाटिल दो बार से सांसद हैं.
कपिल पाटिल पर टिकी हैं नजरें?
पाटिल ठाणे क्षेत्र में एकमात्र बीजेपी सांसद हैं, जहां शिवसेना की मजबूत पकड़ है. कपिल पाटिल बीजेपी को शिवसेना के गढ़ में पैठ बनाने में मदद करेंगे. खासकर जब अगले साल ठाणे में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे. वह ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिस जाति की इस क्षेत्र में बड़ी संख्या है.
भागवत कराड
बीजेपी के राज्य सांसद भागवत कराड औरंगाबाद के पूर्व महापौर हैं. वो बीजेपी के बड़े नेता रहे गोपीनाथ मुंडे, वंजारा (ओबीसी) की जाति से आते हैं. पेशे से डॉक्टर कराड को गोपीनाथ मुंडे ही राजनीति में लाए और बाद में उन्हें औरंगाबाद का मेयर बनाया गया. औरंगाबाद शिवसेना का गढ़ था. भागवत कराड पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं.
भागवत कराड को मिल सकती है जगह?
ऐसा लगता है कि भागवत कराड को वंजारा समुदाय से ओबीसी चेहरे के रूप में पेश किया जा रहा है, जो महाराष्ट्र में बीजेपी की रीढ़ रही है. शायद उन्हें प्रीतम मुंडे पर तरजीह दी गई है.
बताया जा रहा है कि सभी नामों पर देवेंद्र फडणवीस की मुहर है. ये महाराष्ट्र में बीजेपी के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रभाव को बतलाता है. महाराष्ट्र में बीजेपी की भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए नियुक्तियां की जा रही हैं. हो सकता है बीजेपी को शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी का एक साथ सामना करना पड़े.
दिलचस्प बात यह है कि विदर्भ क्षेत्र से किसी भी नेता को शामिल नहीं किया गया है, जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ है. ऐसा लग रहा है कि बीजेपी मुंबई, ठाणे, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है. लेकिन फिर भी यह मूल बीजेपी में प्रतिभा की कमी को दर्शाता है क्योंकि 5 में से 4 नए चेहरे मूल रूप से कांग्रेस और एनसीपी के हैं.