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मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर 254 करोड़ कमाए, दफ्तरों में सेंट्रल विस्टा के बराबर जगह भी बनाई

दिवाली से पहले स्वच्छता अभियान चलाकर केंद्र सरकार ने करोड़ों की कमाई कर ली है. दरअसल 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अभियान चलाकर सरकारी दफ्तरों में रखी रद्दी फाइलें और ई-वेस्ट को बेचा जा रहा है. इस दौरान जांच के बाद सरकार ने तीन हफ्ते में इतना कचरा बेच दिया, जिससे उसे 254 करोड़ रुपये की कमाई हो गई.

इंडियन पोस्ट के करीब 18 हजार साइट्स में चलाया गया सफाई अभियान इंडियन पोस्ट के करीब 18 हजार साइट्स में चलाया गया सफाई अभियान
वरुण सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

सरकारी दफ्तरों में स्वच्छता अभियान चलाकर मोदी सरकार ने 3 हफ्तों में रद्दी फाइलों, ई कचरा और फर्नीचर बेचकर करीब 254 करोड़ रुपये कमा लिए हैं. इतना ही नहीं, वेस्ट को बेचने के बाद सेंट्रल विस्टा के बराबर यानी करीब 37 लाख वर्ग फुट की जगह भी खाली हो गई. इंडिया पोस्ट के दफ्तर ने तो ऐसी खाली जगह पर कर्मचारियों के लिए एक कैंटीन और शानदार गैलरी बना दी है. 2 अक्टूबर से शुरू हुआ सफाई अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा.

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दिल्ली में यह इंडिया पोस्ट की कैंटीन है. इसका नाम आंगन है. कैंटीन की जगह यहां पर कचरे का अंबार था, जिसमें रद्दी में तब्दील हो चुकी फाइलें,टूटे पड़े फर्नीचर, खराब एसी, कूलर और कम्यूटर थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से सीख लेते हुए कबाड़ को बेचा गया, जिससे लाखों की कमाई हुई.

अब यहां खूबसूरत कैंटीन और शानदार गैलरी बना दी गई है. इस तरह केंद्र सरकार के कई दफ्तरों में अभियान चलाया गया. अलग-अलग सरकारी दफ्तरों में अभियान चला, जिसमें रद्दी/ई-कचरा बेचकर 254 करोड़ की कमाई हुई.

फाइलों और रद्दी को लेकर इंडियन पोस्ट के करीब 18 हजार, रेलवे के 7 हजार स्टेशन, फार्मास्यूटिकल विभाग के 6 हजार, डिफेंस के 4 हजार 500 और गृह मंत्रालय की करीब 4900 साइट्स पर अभियान चलाया गया. तीन हफ्ते में रद्दी बेचने से करीब 254 करोड़ रुपये की आमदनी हुई और 37 लाख वर्ग फीट का एरिया दफ्तरों में खाली हुआ है जो सेंट्रल विस्टा के एरिया के बराबर है.

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