प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन करने की तैयार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक तीन दिन पहले 2 अगस्त को कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में कुल 40 संशोधनों को मंजूरी दी है. इन संशोधनों के पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां सीमित हो जाएंगी. इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' के रूप में नामित करने के वक्फ बोर्ड के अधिकार को प्रतिबंधित करना है.
लोकसभा की कार्यवाही विनियोग विधेयक पारित होने के बाद 6 अगस्त की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
लोकसभा से विनियोग विधेयक पारित हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनियोग विधेयक को मतदान के लिए प्रस्तुत किया. इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
लोकसभा में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ललन सिंह के जवाब के बाद कटौती प्रस्ताव और मांगों पर मतदान हो रहा है.
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ललन सिंह ने यूपीए सरकार के समय मत्स्य पालन के आंकड़े गिनाए और कहा कि 10 वर्षों में मत्स्य उत्पादन दोगुना हो गया. इनको आईना दिखा रहे हैं. अब आपको कौन सा आईना चाहिए, बताइए. इस क्षेत्र के साथ तीन करोड़ लोग जुड़े हुए थे. पीएम मोदी ने ध्यान केंद्रित करके जो योजनाएं चलाईं, ये उसका परिणाम है. इंग्लैंड फिशरीज प्रोडक्शन 75 परसेंट है और 25 फीसदी इंडियन कोस्टल का योगदान है. आज खारे पानी में झींगा का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है. आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा में झींगा का उत्पादन बढ़ा है. झींगा के लिए 9000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट अप्रूव किए गए हैं. फिशरीज डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का निर्माण जो प्रधानमंत्री ने किया, उसका योगदान है. नीतिगत निर्णयों के कारण व्यापक पहुंच हुआ और लोग जुड़े जिससे मछली उत्पादन बढ़ा. आज हम 60 हजार करोड़ से ज्यादा की मछली का निर्यात कर रहे हैं. 2013-14 में 30 हजार 213 करोड़ का निर्यात हो रहा था. हमारा उत्पादन ही दोगुना नहीं हुआ, एक्सपोर्ट भी दोगुना हुआ. ये पीएम मोदी के 10 साल के शासन की उपलब्धि है. उन्होंने फिशरीज एंड एक्वाकल्चर डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि इसके तहत नाबार्ड भी राज्यों को ऋण उपलब्ध कराता है. नीली क्रांति का भौतिक लक्ष्य प्राप्ति की काफी लंबी सूची है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 20 हजार करोड़ से अधिक निवेश के साथ 2020 में लागू की गई जो 2025 तक चलेगी. इसकी सफलता शानदार रही है. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश और अन्य एजेंसियों के लिए स्वीकृत परियोजनाएं गिनाते हुए ललन सिंह ने कहा कि टेक्नोलॉजी को डेवलपमेंट करके इसे और प्रभावी बनाया गया. चार वर्ष में 50 हजार 710 जलाशयों में केज का निर्माण कराने के कारण मत्स्य उत्पादन बढ़ा है. यूपी, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र को इस योजना के तहत मिले प्रोजेक्ट्स बताते हुए ललन सिंह ने कहा कि इसे हमने प्राथमिक व्यवसाय के रूप में विकसित करने का काम किया, उद्यमियों को इसे अपने व्यवसाय में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और यूपी में तालाब क्षेत्र गिनाए और कहा कि मत्स्य उत्पादकों को पहली बार सामाजिक सुरक्षा दी गई. पहली बार मत्स्य उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने का काम किया गया. सामाजिक सुरक्षा में मछली उत्पादन से जुड़े लोगों को बीमा की गारंटी पीएम मोदी ने दी. पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 5 लाख, आंशिक विकलांगता की स्थिति में ढाई लाख और बीमारी की स्थिति में 25 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है.
राज्यसभा की कार्यवाही 6 अगस्त, मंगलवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
मत्स्य पालन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ललन सिंह ने ब्ल्यू रिवॉल्यूशन के तहत पश्चिम बंगाल के लिए 41.44 करोड़ के प्रोजेक्ट अप्रूव कर दिए गए और उसका आधा हिस्सा जो केंद्र सरकार को देना है, वह जारी कर दिया गया. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2020 में शुरू की गई. दो साल उन्होंने इस योजना का लाभ उठाने से इनकार कर दिया. अब उन्होंने इसे अपनाया. केंद्र सरकार भरपूर मदद करेगी. पीएम मोदी किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते. पश्चिम बंगाल में एमवी चलाने के लिए पहली किश्त जारी कर दी गई है और उसका लाभ राज्य सरकार उठा रही है. अमेरिका में झींगा का आयात बंद किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि ये पूर्णतः सही नहीं है. समुद्र से पकड़े जाने वाले झींगा के आयात को बैन किया है जो 10 फीसदी है. केरल में अब तक 1382 करोड़ से अधिक फिशिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 10 साल में जारी किए गए हैं. ललन सिंह ने आंध्र प्रदेश से लेकर नॉर्थ ईस्ट और महाराष्ट्र तक, मत्स्य पालन के लिए सरकार की ओर से दी गई परियोजनाओं और धनराशि के आंकड़े गिनाए. उन्होंने पशुओं की संख्या कम होने के सवाल पर आंकड़े बताए और कहा कि संख्या बढ़ी है, घटी नहीं है.
छत्तीसगढ़ के कोरबा से कांग्रेस की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने पशुधन उत्पादों के आयात का आंकड़ा गिनाया और कहा कि पशुपालन के लिए संरक्षण दिया जाना चाहिए. गोवंश की रक्षा के लिए सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे कर, जमीनी हकीकत कुछ और है. उन्होंने पशुपालन के साथ ही मत्स्यपालन की भी बात की और कहा कि इससे लोगों को जितना लाभ मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला है.
झारखंड से जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि बड़ी संख्या में खदानें परित्यक्त पड़ी हैं. इनमें पानी भर जाता है. इनमें भरे पानी का सिंचाई और अन्य कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकता है. कोयले के खतरनाक डस्ट से प्रदूषण को भी कम किया जाना चाहिए.
राज्यसभा में सोलर एनर्जी को लेकर जारी चर्चा के दौरान पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप कुमार पाठक ने कहा कि भारत के सोलर मिशन और नवीकरणीय ऊर्जा के मिशन को देखकर हमें दुख होता है. हमारे देश के पास नवीकरणीय ऊर्जा की जितनी संभावनाएं हैं, उतनी दुनिया के किसी देश के पास नहीं हैं. हमारे देश में 300 ऐसे दिन हैं जो शनि हैं यानी सूर्य की किरण सीधे धरती पर पड़ती है. फिर कहां गड़बड़ी हो रही है, ये समझने की बात है. उन्होंने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि उसने जीरो से हीरो तक का सफर 10 से 15 साल में तय किया है. चीन का मोटो है ग्रोथ, विजन है जॉब क्रिएशन. इंडिया का क्या मोटो है, इंडिया का मोटो किसी ओटू के प्रोजेक्ट को कैसे कम करना है, इंडिया का विजन है कि प्रधानमंत्रीजी इंटरनेशनल प्रेशर में आके एक कमिटमेंट देके. ये विजन में अंतर है. जब तक आपको ये भरोसा नहीं होगा कि नवीकरणीय ऊर्जा से कुछ हो सकता है और भविष्य ये है, तब तक कुछ होने वाला नहीं है. जब तक सीने में ये जलन नहीं होगी कि हमें कुछ करना है और विश्व को लीड करना है, तब तक कुछ होने वाला नहीं है.
भारत ने 2022 तक 100 गीगावॉट का टार्गेट रखा था जो हम मिस कर गए. हमने 2030 तक 500 गीगावॉट का टार्गेट रखा था यानि करीब आधी ऊर्जा जरूरतें नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी की जानी हैं. कैसे पूरा करेंगे. आप सारे कार्यक्रम उठाकर देख लीजिए, सब फेल हो रहे हैं. पॉलिसी में तीन गंभीर चीजें हैं. लैक ऑफ क्लैरिटी इन विजन, हमें ये ही नहीं पता कि हमें फोकस किस पर करना है. आपको पता ही नहीं है कि इंस्टॉलेशन पर फोकस करना है या मैन्यूफैक्चरिंग पर. एक प्रोजेक्ट दो साल में मटीरियलाइज होने में लगता है और आप एक साल में पॉलिसी चेंज कर दे रहे हो. यूरोप और अमेरिका ने अपना सारा पैसा इंस्टॉलेशन पर लगाया, चीन ने मैन्यूफैक्चरिंग पर. जो हम कर सकते हैं, उस पर इंपोर्ट ड्यूटी ज्यादा लगाइए. जो हम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट डिले बड़ी चुनौती है. आपको हैंड होल्डिंग करनी पड़ेगी.
संदीप पाठक ने कहा कि डिस्कॉम्स को आपने मजबूत नहीं किया तो सफल नहीं होंगे. सभी वितरण कंपनियां घाटे में चल रही हैं. सरकार को उनकी टेक्नोलॉजी इंप्रूव करने पर भी पैसा लगाना पड़ेगा. सोलर पैनल लगवा दिए, खराब हो गया तो कहां जाओगे आप. इसके लिए स्किल्ड वर्क फोर्स नहीं है. जब तक आप बैट्री पर पैसा नहीं लगाओगे, तब तक सोलर इंड्रस्टी ग्रो नहीं करेगी. बैट्री के लिए लीथियम चाहिए. क्या आपने कभी बैट्री को मैच किया. हमारे देश में लगभग 90 प्लेयर हैं, चीन में 2000 प्लेयर हैं. आपको हैंडहोल्डिंग करनी पड़ेगी. अडानी कंपनी ने गुजरात में निवेश किया है. उनके अलावा कोई दूसरा गुजरात में नहीं है. कच्छ में भी अडानी ने निवेश किया है. ऐसे आप कैसे चलाओगे. आपको 1.4 अरब लोगों को अपना मित्र बनाना पड़ेगा. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि क्यों अधिक प्लेयर नहीं है. इसके लिए सुझाव क्या है. सभापति ने कहा कि हमारे देश में कॉम्पिटिशन कमीशन एक्ट है. ये एक्ट कैटेगेरिकल है. संदीप पाठक ने कहा कि सर हमने अभी बजट में सोलर पैनल की मशीन पर इंपोर्ट ड्यूटी जीरो कर दिया. इसका लाभ केवल एक कंपनी को मिलेगा. सरकार को हैंड होल्ड करना पड़ेगा.
मध्य प्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा न सिर्फ देश, बल्कि विदेशों को भी रोशन करेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने तमाम खामियां गिनाईं. कांग्रेस की सरकार के समय बल्ब चिमनी की तरह जलता था. नरेंद्र मोदीजी ने 75 हजार करोड़ से पीएम सूर्य घर योजना लागू की है, ये लोगों के घरों में बल्ब जलते नहीं देख सकते.
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लोकसभा में डेयरी, पशुपालन और मत्स्यपालन मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है.
शिवराज ने पंडित नेहरू से लेकर कांग्रेस के हर प्रधानमंत्री के 15 अगस्त के भाषण का जिक्र किया और पीएम मोदी की लाल किले की प्राचीर से हर संबोधन में किसान के जिक्र का भी डेटा बताया. उन्होंने कहा कि किसान का कल्याण ड्रामा से नहीं होगा. इनके एक नेता एक यात्रा पर निकले थे. वे सोनीपत गए, खेत में कैमरे लगे थे. कहां फोकस करना है, ये पहले से तय था. जब खेत में गए तब कैमरामैनों से पूछ रहे हैं कि कहां खड़ा होना है, कैसे क्या करना है. हमारे पास ये वीडियो है. ये किसान की बात करते हैं. मैं किसान का बेटा हूं और खुद खेती करता हूं. इस पर सभापति धनखड़ ने उनसे इसे ऑथेंटिकेट करने के लिए वीडियो सदन पटल पर रखने के लिए कहा. शिवराज ने आगे कहा कि एक नेता थे, उन्होंने जब सुना कि लाल मिर्च की कीमत हरी मिर्च से ज्यादा है तो वे कहने लगे कि लाल मिर्च की खेती क्यों नहीं करते. शिवराज ने कहा कि मुझसे किसानों की शिकायत की थी कि जिसने गन्ना बोया था, उसको गेहूं का मुआवजा दे दिया. इस व्यवस्था को ठीक करने की जरूरत है.
शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हुए. इस दौरान कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला पेपर दिखाने लगे. सभापति जगदीप धनखड़ ने सुरजेवाला को नेम करने की चेतावनी दी. सुरजेवाला ने पेपर सदन पटल पर रखने की अनुमति मांगी. सभापति धनखड़ सुरजेवाला पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला, आप मुझे नेम करने के लिए क्यों फोर्स कर रहे हैं. सभापति ने कहा कि अगर आपने ये पेपर दिखाया तो आप लंबे समय के लिए सदन से बाहर होंगे रणदीप. आप किसान की बात नहीं सुनना चाहते हैं.
शिवराज ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए प्रत्यक्ष सहायता की बात की, लेकिन ऐसी योजना नहीं बनाई. पीएम मोदी ने समझा. ये राशि भले ही छह हजार रुपये हो, सीमांत और छोटे किसानों के लिए बड़े काम की है. इस छोटी राशि के कारण किसान का सम्मान बढ़ा है, वो स्वावलंबी भी हुआ है. ये किसान का सम्मान देख नहीं सकते. उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि सम्मान निधि ने किसान की जोखिम लेने की क्षमता को भी बढ़ाया है. कांग्रेस की सरकार में ये सामने दिग्विजय सिंह जी बैठे हैं, 24 किसानों को इन्होंने मारा है. किसान के खून से हाथ इनके सने हैं. 1986 में जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी, 23 किसानों की मौत इनकी गोली से हुई थी. 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर इन्होंने किसान पर फायरिंग की, मेरठ में इन्होंने किसानों पर फायरिंग की जिसमें पांच किसान मारे गए. उन्होंने मुल्ताई, नंदीग्राम में किसानों के मारे जाने की घटना का जिक्र कर भी कांग्रेस को घेरा. शिवराज जब ये आंकड़े गिना रहे थे, विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.
जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसान को लेकर जब चर्चा हो रही है, हर सदस्य का मौलिक कर्तव्य है कि वह चर्चा में गंभीरता से भाग ले. हमने हर सदस्य को जितना समय मांगा, उतना दिया. जो व्यवधान पैदा किया गया है, वह आसन की अवहेलना है. यह अत्यंत गंभीर है. सुरजेवाला ने चर्चा की शुरुआत की थी, किसान के हित को तिलांजलि देते हुए मंत्रीजी के भाषण में जो व्यवधान पैदा किया गया, उसका खंडन करता हूं. सदन के सदस्यों से भी आग्रह रहेगा कि सदन में चर्चा को सार्थक बनाइए, जनकल्याण के लिए बनाइए, लोग हमको देख रहे हैं. गुणवत्ता में कमी आ रही है. लोग अब हमारी तरफ आदर से नहीं देख रहे. ये नहीं देख रहे कि क्या चर्चा हो रही है.
जेपी नड्डा ने कहा कि अंत में अपने बुद्धिजीवी दोस्तों को ये सलाह देना चाहता हूं कि बुद्धि वहीं इस्मेताल करें जहां आवश्यकता हो, जब आवश्यकता है. सभी लोगों को यहां प्रश्न पूछने का मौका दिया गया, सभी लोगों को काम करने का मौका दिया गया. पूछना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल सरकार डेंगू की रजिस्ट्री क्यों केंद्र को नहीं भेजती है, क्यों छिपाती है. असम की स्थिति हेल्थ के पैरामीटर पर पहले क्या थी. आपने हेल्थ से जुड़े 57 इश्यू उठाए थे, उनका मैंने जवाब दिया है. ये जो हेल्थ के लिए बजट में इनीशिएटिव दिए गए हैं, ये बहुत दूरगामी प्रभाव छोड़ने वाले हैं.
जेपी नड्डा ने कहा कि पीएम एसएसवाई में जो भी मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, वे केंद्र के नोटिफिकेशन से खोले गए हैं. पीएम एसएसवाई के तहत एम्स, मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक्स खोले गए हैं. एक लाख 73 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं. इस साल 6 हजार करोड़ से अधिक खर्च हो रहा है. कुछ लोगों ने मुश्किल इलाकों में डॉक्टर्स की जरूरतें पूरी करने को लेकर सवाल उठाए. हमने राज्यों से नेगोशिएट करने के लिए कहा है. हमने कहा है कि आप सैलरी नेगोशिएट करो, हम पे करेंगे. हम हार्ड एरिया से आने वाले डॉक्टर्स को पीजी की शीट्स में वरीयता देते हैं. डायग्नोस्टिक्स सेंटर की चर्चा हुई, एनएचएम के तहत फ्री टेस्ट्स का भी प्रयास हुआ है. उन्होंने इसके आंकड़े भी गिनाए. मैदानी इलाकों में दो, आदिवासी इलाकों में चार और पार्टिकुलर ट्राइबल एरिया में 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट देने का काम हुआ है. जेपी नड्डा ने फ्री दवाओं की संख्या भी गिनाईं और कहा कि बड़ी संख्या में सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक्स खोले गए हैं. आयुष्मान को लेकर बहुत चर्चा हुई. इस योजना में बताएं कि जब यूएन में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की चर्चा होती थी, लगता भी नहीं था कि भारत जैसा देश इस बारे में कभी सोच भी सकता है लेकिन आज ये विश्व की सबसे बड़ी यूएचसी योजना है. उन्होंने आयुष्मान कार्ड धारकों के साथ ही इम्पैनल्ड हॉस्पिटल्स के आंकड़े गिनाए और कहा कि इसमें 48 परसेंट महिला लाभार्थी हैं. आयुष्मान भारत प्रोग्राम डायरेक्ट ट्रांसफरेबल है. अगर कोई व्यक्ति कोलकाता का निवासी है और उसका कैंसर का इलाज टाटा मेमोरियल मुंबई में चल रहा है तो उसका पेमेंट वाया कोलकाता नहीं, डायरेक्ट टाटा हॉस्पिटल को जाएगा.
जेपी नड्डा ने कैंसर रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर कहा कि हम अर्ली स्क्रीनिंग कर रहे हैं. 753 जिलों में हमने एलसीडी क्लीनिक स्थापित कर दी है. उन्होंने कहा कि जबसे हमारा ये प्रोग्राम चल रहा है, ओरल कैंसर लगभग 20 करोड़ डिटेक्ट किए गए हैं. उन्होंने ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के आंकड़े भी गिनाए और कहा कि कैंसर की दवाओं पर भी कंट्रोल किया गया है. इनके दाम को सरकार कंट्रोल कर रही है. कैंसर की कई दवाओं को भी कंट्रोल किया है. 526 से अधिक ब्रांड्स पर भी हमने मार्जिन को कंट्रोल किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सही दवाई मिल सके, सस्ती मिल सके, इसके लिए जन औषधि परियोजना भी शुरू की गई है. 33 हजार केंद्र खोले गए हैं, आने वाले पांच साल में 25 हजार और जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे जिससे आम आदमी को फायदा मिल सके. अमृत के तहत भी हमलोगों ने लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया है. ट्रॉमा यूनिट की संख्या बढ़ाने की भी मांग उठी. ट्रॉमा यूनिट्स हमने बना तो दी है लेकिन ये आइसोलेशन में नहीं चलते. जब तक ये फुलफेज हॉस्पिटल में न हो, कारगर नहीं होता. हम सिर्फ घोषणाएं नहीं करते, लास्ट माइल डिलिवरी हो. पीएम भीम, आयुष्मान भीम में बजट कटौती को लेकर उन्होंने कहा कि 4200 करोड़ दिए हुए थे लेकिन खर्च कम हुए. इस बार भी तीन हजार करोड़ दिए हैं, आप खर्च कीजिए. जितना चाहिए होगा, दिया जाएगा. सिकल सेल के लिए मिशन मोड में कार्यक्रम शुरू किया गया है. जागरुकता के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग का टार्गेट रखा है, 3 करोड़ 50 लाख की स्क्रीनिंग हो गई है. वैक्सीनेशन में हम लोगों ने इंद्रधनुष का कार्यक्रम शुरू हुआ था. 12 फेज में हमारे बच्चों का टीकाकरण हो गया है. उन्होंने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के वैक्सीनेशन का आंकड़ा भी गिनाया. जेपी नड्डा ने जापानी इंसेफ्लाइटिस, टिटनेस समेत तमाम बीमारियों को लेकर नेशनल प्रोग्राम बनने में लगे समय का जिक्र करते हुए कहा कि जो दवाओं के लिए सौ-सौ साल इंतजार करते थे, नौ महीने में कोरोना की दो-दो वैक्सीन बनी और दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभइयान चलाया. इस पर विपक्ष की ओर से किसी ने सुझाव लेने के लिए कहा. जेपी नड्डा ने कहा कि ले लेंगे सुझाव, चैंबर में आ जाना. उन्होंने पोलियो, काला जार, एमएमआर जैसी बीमारियों को लेकर चलाए जा रहे अभियान की प्रगति भी बताई. टीएफार 2.3 से कम होकर 2.2 हो गया है.
जेपी नड्डा ने कहा कि यूजी सीट्स की बात करें तो ये भी 51 हजार से बढ़कर 1 लाख 12 हजार से अधिक हो गई हैं. पीजी सीट्स भी 118 परसेंट बढ़ी हैं. ये मेडिकल कॉलेज सरकार की ओर से खोले गए हैं. इससे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है. उन्होंने ग्रामीण और शहरी इलाकों में बनाए गए पीएचसी-सीएचसी के आंकड़े भी गिनाए और कल्याण बनर्जी का जिक्र कर कहा कि इनको लिस्ट भिजवा दूंगा. जेपी नड्डा ने विपक्ष के सदस्यों के हंगामे पर कहा कि ये डिबेट हो रही है या मुझे बोलने का मौका दिया जाएगा. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैंने इनको एलाऊ नहीं किया.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा लोकसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने सदन में बताया कि 22 में से 18 एम्स चालू हैं और चार अंडरकंस्ट्रक्शन हैं. जेपी नड्डा ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि इनकी भावनाओं की कद्र करता हूं. इनको भी ये होना चाहिए कि नरेंद्र मोदीजी के कार्यों की कद्र करें. जेपी नड्डा ने कहा कि आपको राजनीति करनी है तो कीजिए, अगर सच्चाई सुननी है तो आपको जो बता रहा हूं, वह सुनना पड़ेगा. 387 मेडिकल कॉलेज इस देश में थे, आज 731 मेडिकल कॉलेज हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सहारा से जुड़ा पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर कर रहा है. सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा हाउसिंग और सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन. निवेशकों की अनुमानित संख्या 3.7 करोड़ है. तीन बार सार्वजनिक अपील की गई कि लोग आकर क्लेम करें. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएन अग्रवाल कमेटी हर चीज देख रही है. 138.07 करोड़ रुपये क्लेम किए गए थे जो जारी कर दिए गए हैं. 25781 करोड़ पूरा वितरित नहीं किया जाना है. दूसरा सहारा इंडिया की 18 संपत्तियां अटैच की गई हैं. कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री बनाए जाने के बाद उसने सहारा की चार कोऑपरेटिव सहारा कोऑपरेटिव, हमारा, सहारा स्टार मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव समेत चार कोऑपरेटिव को लेकर क्लेम देने के लिए फंड की मांग की. इसमें 1.21 करोड़ क्लेम आए. 374 करोड़ रुपये क्लेम के रिलीज कर दिए गए हैं. जस्टिस सुभाष रेड्डी कमेटी इस मामले की निगरानी कर रही है. पर्ल एग्रो कोऑपरेटिव में 1.25 करोड़ क्लेम आए. इनमें रिफंड्स 1021 करोड़ रुपये के क्लेम दे दिए गए हैं. जस्टिस लोढ़ा इसकी निगरानी कर रहे हैं. जो भी लोग हैं, ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर क्लेम करें. तीन जजों की कमेटी देखेगी और क्लेम जारी किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज हमारी निगरानी कर रहे हैं.
एमपी के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सहारा और पीसीएल में निवेश करने वालों की संख्या लाखों में है. सभी लोगों को अभी पैसा नहीं मिला. कुछ लोगों के पास तो कागजात भी नहीं है. पोर्टल में यह तभी मान्य होगा जब पेपर हो. एजेंट्स के माध्यम से जिन लोगों ने निवेश किया है, क्या सरकार उनके लिए कोई मैकेनिज्म डेवलप करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि निर्णय जजों की कमेटी ही करेगी, हम इस सुझाव को उनके साथ शेयर कर सकते हैं. पर्ल कंपनी की 50 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क करके निवेशकों के पैसे वापस करने को लेकर भी सवाल हुआ. इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि 1017 करोड़ पर्ल एग्रो से रिकवर किए गए हैं. लिटिगेशन की वजह से कई प्रॉपर्टी का ऑक्शन नहीं किया जा सकता. एम्बी वैली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पेपर होने के आधार पर ही हम ऑक्शन नहीं कर सकते. प्रॉपर्टी को ऑक्शन करके देना होगा, निश्चित रूप से देंगे. जो पैसा हमारे हाथ में है, उसी को लेने वाले आएं पहले. हम भी चाहते हैं आपकी चिंता में शामिल होंगे. ये कोर्ट की ओर से होने वाला मामला है, हम सरकार में बैठकर नहीं कर सकते. कोई भी सदस्य बाहर जाकर ये ना बोलें कि सरकार नहीं दे रही है. हम हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि आइए कागजात के साथ, हम पैसे देने के लिए तैयार हैं.
बिहार के झंझारपुर से सांसद रामप्रीत मंडल ने सवाल किया कि कृषि और किसानों के लिए सरकार की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं. इसके जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने किसान क्रेडिट, ग्रामीण विकास के बजट में इजाफा गिनाए.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक की खबरों पर कहा है कि बीजेपी को डिरेल करने की आदत है. वे देश के गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ये नया हथकंडा लाए हैं. उन्होंने ये भी जोड़ा कि ये सारी बातें सूत्रों के हवाले से आ रही हैं. किसी कैबिनेट मंत्री ने इसकी पुष्टि नहीं की है. एक सांसद के रूप में मुझे लगता है कि जब तक यह संसद के पटल पर नहीं रखा जाता, तब तक इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना सही नहीं है.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा है कि जैसे आप बोल रहे हैं कि वक्फ बोर्ड में कुछ हो रहा है, वैसे ही मुंबई में जमीन का घोटाला हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई में गौतम अंडानी को धारावी पुनर्वास के माध्यम से बड़ी-बड़ी जमीनें दी जा रही हैं. ये भी घोटाला है. आप शुरुआत भ्रष्टाचार और जमीन घोटाला को रोकने से करें. शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि इस देश में न जमीन जिहाद है, न लव जिहाद है. धर्म और जाति पर देखता हूं तो ये कोई भी कर सकता है. यही महाराष्ट्र में हो रहा है. इसे कानून से खत्म करना चाहिए चाहे कोई भी किसी धर्म का हो. 10 साल में जो लैंड जिहाद हुआ है वह इसी सरकार में हुआ.
आज लोकसभा में गोवा विधानसभा में एसटी के प्रतिनिधित्व को लेकर पुनर्नियोजन विधेयक पेश होगा. लोकसभा में आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा का संबंधित मंत्री जवाब देंगे.
कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज को लेकर हुई चर्चा का जवाब देंगे. कृषि मंत्री शिवराज शिवराज ने शुक्रवार को चर्चा का जवाब देना शुरू किया था. शिवराज एक घंटे बोले थे. इसके बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने प्राइवेट मेंबर्स बिल की कार्यवाही शुरू कराने की आसन से अपील की थी और कहा था कि कृषि मंत्री सोमवार को अपनी स्पीच कॉन्टिन्यू कर लें. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने शिवराज से सोमवार को दिन में एक बजे से अपना संबोधन कॉन्टिन्यू करने के लिए कहा था.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कहा कि वक्फ बोर्डों की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने एनडीए के सहयोगी दलों और विपक्षी दलों से भी ऐसे किसी भी कदम को पूरी तरह से खारिज करने और संसद में ऐसे संशोधनों को पारित न होने देने का आग्रह किया.
सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने की तैयारी के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने एनडीए के सहयोगी दलों और विपक्षी दलों से भी 'ऐसे किसी भी कदम को पूरी तरह से खारिज करने' और संसद में ऐसे संशोधनों को पारित न होने देने का आग्रह किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वक्फ एक्ट में संसोधन के मामले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा,'वक्फ सिस्टम को 'टच मीं नाट' की सनक- सियासत से बाहर आना होगा. समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक वार ठीक नहीं????'
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा है कि हमारे बुजुर्गों ने अपनी प्राइवेट प्रॉपर्टी को वक्फ को डोनेट किया ताकि उसका इस्तेमाल मुसलमानों की तरक्की के लिए हो सके. हमारे पास वक्फ एक्ट पहले से है, वक्फ बोर्ड का गठन इसीलिए हुआ ताकि वक्फ प्रॉपर्टी का सही से इंतजाम किया जा सके. मौलाना निजामी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह वक्फ बोर्ड के हाथों को मजबूत करे. बोर्ड की प्रॉपर्टी पर जहां कब्जा है उसे खाली कराया जाए.
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,'वक्फ एक्ट में ये संशोधन वक्फ संपत्तियों को छीनने के इरादे से किया जा रहा है. यह संविधान में दिए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रहार है. आरएसएस की शुरू से ही वक्फ संपत्तियों को छीनने की मंशा रही है.' ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, 'हमारे पूर्वजों ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान कर दिया और उन्होंने इसे इस्लामी कानून के तहत वक्फ का बना दिया. इसलिए जहां तक वक्फ कानून का सवाल है, यह जरूरी है कि संपत्ति का उपयोग केवल उन धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए जिनके लिए इसे हमारे पूर्वजों ने दान किया था.
सूत्रों के मुताबिक जो संसोधन प्रस्तावित है, उसके मुताबिक वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर दावा करेगा, उसके लिए उसे अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा. सूत्रों के मुताबिक, इन संशोधनों का बिल इस हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आज भी बिल पेश हो सकता है. बता दें कि वक्फ बोर्ड लगभग 9,40,000 एकड़ में फैली लगभग 870,000 संपत्तियों की देखरेख करता है. बता दें कि साल 2013 में, यूपीए सरकार ने मूल वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के माध्यम से वक्फ बोर्ड के अधिकार को मजबूत किया था.