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1 अप्रैल से नगालैंड, असम और मणिपुर में घट जाएगा AFSPA का दायरा, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, भारत सरकार ने दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है.

अमित शाह की मौजूदगी में असम और मेघालय राज्य में हाल ही में सीमा विवाद को लेकर समझौता हुआ था. अमित शाह की मौजूदगी में असम और मेघालय राज्य में हाल ही में सीमा विवाद को लेकर समझौता हुआ था.
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST
  • गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी
  • शाह ने कहा- दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर को लेकर ये फैसला हुआ

केंद्र सरकार ने नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत शांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है.  .ये फैसला कल यानी 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा.

अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, भारत सरकार ने दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. 

 

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अमित शाह ने कहा, AFSPA के तहत क्षेत्रों में कमी सुरक्षा की स्थिति में सुधार मोदी सरकार द्वारा नॉर्थ ईस्ट में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से हुए विकास का परिणाम है. 

गृह मंत्री शाह ने आगे लिखा,  दशकों से उपेक्षित पूर्वोत्तर क्षेत्र शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के नए युग का गवाह बन रहा है. इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद. मैं इस अहम अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं. 

उग्रवादी घटनाओं में आई कमी

केंद्र सरकार के मुताबिक, 2014 की तुलना में, साल 2021 में उग्रवादी घटनाओं में 74% की कमी आई है. इसके अलावा इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मौत में क्रमश: 60% और 84% की कमी आई है. सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है. 

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राज्यों के इन क्षेत्रों को AFSPA  से हटाया गया 

मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में पूरी तरह से हटा लिया था. पूरे असम में साल 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है. 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सुरक्षा स्थिति में सुधार की वजह से अब 01.04.2022 से असम के 23 जिलों को पूर्ण रूप से और 1 जिले को आंशिक रूप से AFSPA के प्रभाव से हटाया जा रहा है. 

मणिपुर में इंफाल नगर पालिका को छोड़कर अशांत क्षेत्र घोषणा साल 2004 से चल रही है. लेकिन अब सरकार ने  6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को 01.04.2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया जा रहा है. 
 
अरूणाचल प्रदेश में 2015 में 3 जिले, अरूणाचल प्रदेश की असम से लगने वाली 20 किमी. की पट्टी और 9 अन्यजिलों में 16 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में AFSPA लागू था जो धीरे धीरे कम करते हुए अब सिर्भ 3 जिलों में और 1 अन्ये जिले के 2 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लागू है. 

पूरे नगालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना साल 1995 से लागू है. केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से AFSPA हटाने की सिफारिश को मान लिया है. नागालैंड में 01.04.2022 से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया जा रहा है. 

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