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मनी ट्रेल, सीक्रेसी भंग... इन 11 आधारों पर महुआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने की हुई सिफारिश, जानिए 500 पेज की रिपोर्ट में क्या-क्या लिखा है

कैश फॉर क्वेरी मामले में घिरीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद की एथिक्स कमेटी कार्रवाई के मूड़ में है. पैनल आज अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट फाइनल करेगा और लोकसभा सचिवालय भेजेगा. इस रिपोर्ट में महुआ पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है. उनकी संसद सदस्यता रद करने की मांग की गई है. कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट तैयार की है.

TMC सांसद महुआ मोइत्रा. (फाइल फोटो) TMC सांसद महुआ मोइत्रा. (फाइल फोटो)
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने सिफारिश की है कि सरकार को महुआ मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच वित्तीय लेन-देन (मनी ट्रेल) की जांच करनी चाहिए. महुआ पर सीक्रेसी भंग करने का भी आरोप है. सूत्र यह भी बताते हैं कि एथिक्स कमेटी ने कथित कैश फॉर क्वेरी मामले में मोइत्रा को लोकसभा से अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है. गुरुवार को यह रिपोर्ट स्पीकर के पास भेजी जाएगी. उसके बाद आगे स्पीकर निर्णय लेंगे.

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बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. दुबे ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर से की थी. मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है. दुबे का आरोप है कि नकदी और गिफ्ट के बदले संसद में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा और कारोबार दर्शन हीरानंदानी के बीच 'रिश्वत' का लेन-देन हुआ था. दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला दिया, जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच कथित आदान-प्रदान के 'सबूत' का जिक्र किया गया है. अब एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ के खिलाफ कड़ी सजा की सिफारिश की है.

महुआ पर इन आधार पर कार्रवाई की सिफारिश?

1- एथिक्स पैनल ने ड्राफ्ट रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश की और कुछ तीखी टिप्पणियां भी की हैं. रिपोर्ट में कहा, सांसद महुआ मोइत्रा ने 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 के बीच 4 बार दुबई का दौरा किया. लेकिन उनके लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल का वहां से 47 बार उपयोग किया गया.
2- गृह मंत्रालय ने एथिक्स कमेटी को अपनी रिपोर्ट में बताया कि कई दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं हैं. इनमें मसौदा विधेयक शामिल हैं जो सदस्यों के विचार के लिए पहले से सर्कुलेट किए जाते हैं. उदाहरण के लिए, यह पता चला है कि जम्मू-कश्मीर डी-लिमिटेशन बिल, 2019 पहले ही सर्कुलेट कर दिया गया था. इससे ऐसी संवेदनशील मटेरियल के लीक होने की संभावना बढ़ जाती है जिसका उपयोग गलत लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं.
3- महुआ मोइत्रा के कृत्यों के लिए कड़ी सजा की मांग की गई है, जो 17वीं लोकसभा की सदस्यता से उनके तत्काल 'निष्कासन' से कम नहीं हो सकती है. यानी महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है.
4- आईटी मंत्रालय की एथिक्स कमेटी को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, उनके लॉगिन क्रेडेंशियल को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल किया गया आईपी एड्रेस हर बार एक ही था.
5- ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि मोइत्रा का कृत्य अनैतिक, संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना ​​है.
6- मोइत्रा ने कथित तौर पर कारोबारी हीरानंदानी से नकदी, विलासिता की वस्तुएं, उनके बंगले का नवीनीकरण, यात्रा खर्च और छुट्टियों समेत लाभ की भी मांग की.
7- हीरानंदानी ने मोइत्रा को गिफ्ट दिए, जिसमें एक हर्मीस स्कार्फ, बॉबी ब्राउन मेकअप और उपयोग करने के लिए कार शामिल थी. मोइत्रा ने गिफ्ट स्वीकार करने और हीरानंदानी की कार का उपयोग करने की बात स्वीकार की है.
8- गिफ्ट्स और फेवर को लेकर मोइत्रा और हीरानंदानी के बयानों में विरोधाभास है.
9- अनाधिकृत तत्वों को लॉगिन क्रेडेंशियल ट्रांसफर करने से ऐसे तत्वों को सिस्टम तक पहुंचने का अवसर मिल सकता है, जिससे कई संभावित खतरे हो सकते हैं.सबसे पहले देश को राज्य और गैर-राज्य साइबर एक्टर्स से जिन खतरों का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए क्रेडेंशियल्स का ऐसा लीकेज सिस्टम को गंभीर साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील बना सकता है और संभावित रूप से सिस्टम को पूरी तरह से अक्षम कर सकता है, जिससे भारत की संसद का कामकाज बाधित हो सकता है
10- दूसरा, ऐसे तत्व सिस्टम में ऐसा मेटेरियल डाल सकते हैं जो झूठे दस्तावेज या फेक नेरेटिव आदि बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं. 
11- तीसरा, यह ध्यान दिया जा सकता है कि तत्कालीन मामले में दर्शन हीरानंदानी एक भारतीय नागरिक हैं, लेकिन यह पता चला है कि उनके पास संयुक्त अरब अमीरात में निवास अधिकार है. इसके अलावा, उनके करीबी रिश्तेदार भी विदेशी नागरिक हैं. इससे विदेशी एजेंसियों को संवेदनशील मेटेरियल के लीक होने का गंभीर खतरा पैदा होता है.

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'महुआ ने आरोपों का खंडन किया'

एथिक्स कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो. हालांकि, महुआ मोइत्रा ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई को एक कानूनी नोटिस भी भेजा. महुआ का कहना है कि मैंने लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए किसी भी तरह का कोई भी लाभ नहीं लिया है. ये आरोप अपमानजनक, गलत, आधारहीन हैं. 

'पैसे के लेन-लेन की जांच की जाए'

सूत्रों ने बताया कि एथिक्स पैनल ने सरकार को महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच पैसे के लेन-देन की जांच करने की सिफारिश की है.एथिक्स पैनल ने इस मामले पर एक फाइनल रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार किया है. आज एथिक्स कमेटी की बैठक होगी. कमेटी ने महुआ को गुरुवार शाम 4 बजे बुलाया है. आज इस रिपोर्ट को एडॉप्ट किया जाएगा. इससे पहले किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए पैनल के सदस्यों के बीच वोटिंग हुई. इसमें बीजेपी और उसके सहयोगी सदस्य विपक्षी दलों पर भारी पड़े. 

'2 नवंबर की घटना पर पैनल नाराज'

सूत्रों के मुताबिक, एथिक्स पैनल ने 2 नवंबर की बैठक का भी जिक्र किया. इसमें कमेटी चेयरमैन द्वारा महुआ मोइत्रा से पूछे गए सवाल को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए बसपा सांसद दानिश अली के व्यवहार की निंदा की भी है. कमेटी ने दानिश अली के व्यवहार पर गंभीर आपत्ति जताई है. पैनल मीटिंग के दौरान उन पर जनभावनाएं भड़काने और चेयरमैन और अन्य सदस्यों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया.

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'पैनल ने महुआ के रवैये को गंभीरता से लिया'

पिछली संसदीय पैनल की बैठक के दौरान महुआ मोइत्रा ने कथित कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों में खुद को निर्दोष बताया था. उन्होंने दावा किया कि एथिक्स पैनल के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने उनसे अशोभनीय व्यक्तिगत सवाल पूछे थे. उसके बाद महुआ मोइत्रा समेत कई अन्य विपक्षी नेता बैठक से बाहर चले गए थे. हालांकि, पैनल ने वॉकआउट के बाद भी विचार-विमर्श जारी रखा. सूत्रों के अनुसार, ऐसा समझा जाता है कि पैनल ने महुआ मोइत्रा के गुस्से वाले शब्दों और असहयोगात्मक रवैये को गंभीरता से लिया है.

दुबे बोले- लोकपाल ने सीबीआई जांच का आदेश दिया

वहीं, निशिकांत दुबे ने बुधवार को बताया कि लोकपाल ने मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया. मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि सीबीआई को पहले 13,000 करोड़ रुपये के अडानी कोयला घोटाले पर एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडानी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं. फिर सीबीआई का स्वागत है, आइए, मेरे शूज गिनिए.एक अन्य पोस्ट में महुआ ने तंज कसा और कहा, यह जानकर बहुत खुशी हुई कि लोकपाल अस्तित्व में है. उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, लोकपाल अभी जिंदा है.

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आज स्पीकर को भेजी जाएगी ड्राफ्ट रिपोर्ट

लोकसभा की एथिक्स कमेटी आज (गुरुवार) महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक ड्राफ्ट रिपोर्ट एडॉप्ट के लिए बैठक करेगी. कमेटी अपनी रिपोर्ट स्पीकर बिड़ला को भेजेगी, जिसमें मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने जा रही है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने दानिश अली और जद (यू) के गिरिधारी यादव जैसे सदस्यों के आचरण को अनैतिक बताया है. बताते चलें कि 15 सदस्यीय एथिक्स पैनल में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू के एक-एक सदस्य हैं. विपक्ष के सूत्रों ने बताया कि अब तक ड्राफ्ट रिपोर्ट कमेटी के सदस्यों को नहीं दी गई है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम असहमति नोट प्रस्तुत करेंगे. बसपा सदस्य कुंवर दानिश अली भी अपना असहमति नोट प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं.

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