Advertisement

स्वामी विवेकानंद पर बयान के लिए अमोघ लीला दास ने मांगी माफी, जारी किया VIDEO

स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर टिप्पणी करने वाले इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा है कि उनकी वाणी से जिसे भी आघात पहुंचा, वह उनसे क्षमा चाहते हैं.'

आमोघ लीला दास (File Photo) आमोघ लीला दास (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद और गुरु रामकृष्ण परमहंस पर दिए आपत्तिजनक बयान के लिए माफी मांग ली है. शनिवार को बयान जारी कर आमोघ लीला दास ने कहा,'हाल ही में विवेकानंदजी पर मांसाहार को लेकर दिए गए बयान से जिन लोगों और संतों को आघात पहुंचा है, यह वीडियो उनसे क्षमा मांगने के लिए है. मेरी वाणी से जिसे भी आघात पहुंचा, मैं उससे क्षमा चाहता हूं.'

Advertisement

उन्होंने आगे कहा,'मेरी मंशा ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी कि मैं ऐसा कुछ बोलूं, जिससे किसी का ह्रदय दुखे. किसी ने प्रश्न-उत्तर सत्र में इस बारे में सवाल किया. मैंने कुछ ऐसा बोल दिया, जिसे सुनने वालों को दुख पहुंचा. अपनी वाणी के लिए मैं ह्रदय से क्षमा चाहता हूं. भविष्य में मैं ध्यान रखूंगा कि मुंह से ऐसा कुछ भी ना निकले, जिससे किसी को दुख पहुंचे.'

इस्कॉन से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वह स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे थे. वीडियो में स्वामी आमोघ लीला दास ने कहा था कि एक सिद्धपुरुष कभी भी किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाता. विवाद बढ़ने के बाद इस्कॉन मंदिर ने बयान जारी करते हुए कहा था कि स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की टिप्पणी को लेकर आमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है. 

Advertisement

अमोघ लीला दास ने क्या कहा?

प्रवचन के दौरान, कहा था कि क्या कोई दिव्यपुरुष कोई जानवर को मारकर खाएगा? क्या कभी मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है ना? और अगर विवेकानंद मछली खाएं तो क्या एक सिद्धपुरुष मछली खा सकता है? नहीं खाएगा. सिद्धपुरुष के ह्रदय में करुणा होती है.'स्वामी विवेकानंद के अलावा उन्होंने उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के विचार 'जातो मत, ततो पथ' (जितने विचार, उतने रास्ते) पर भी टिप्पणी की और कहा कि हर रास्ता एक ही मंजिल तक नहीं जाता है.'

स्वामी विवेकानंद का मांसाहार पर क्या विचार था?

स्वामी विवेकानंद ने कई बार मांसाहार पर विचार रखे थे. शिष्यों ने भी अपने गुरू यानी स्वामी विवेकानंद से मांसाहार पर सवाल किए थे, जिस पर उन्होंने अपनी राय जाहिर की थी. एक बार शिष्य ने स्वामी से पूछा था कि क्या मछली और मांस का सेवन जरूरी है? इस पर स्वामी विवेकानंद ने शिष्य को मांस और मछली खाने की सलाह दी थी. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अगर ऐसा करने से किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचता है तो मैं उसका खयाल रखूंगा. स्वामी विवेकानंद ने शिष्य से आगे कहा था कि हमारे देश की भीड़ को देखो, हर किसी चेहरे पर उदासी और दिल में साहस और उत्साह की कमी नजर आती है. इन लोगों के बड़े-बड़े पेट हैं और हाथ-पांव में बिल्कुल भी जान नहीं है. यह छोटी-छोटी बातों पर डरने वाले कायरों का एक समूह है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement