
Monkeypox v/s Covid-19: दुनिया कोरोना महामारी के साथ जीना सीख ही रही थी कि एक और खतरनाक वायरस की एंट्री हो गई. इस वायरस का नाम है- मंकीपॉक्स. मंकीपॉक्स इस समय कितनी तेजी से फैल रहा है? इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 6 मई को दुनिया का पहला केस आया था और अब 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. संक्रमण बढ़ता देख विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है.
WHO के मुताबिक, दुनिया के 78 देशों में 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 70 फीसदी मामले यूरोप और 25 फीसदी अमेरिका में आए हैं. अब तक 5 लोगों की मौत भी मंकीपॉक्स से हो गई है. जबकि, 10 फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है.
भारत में भी मंकीपॉक्स के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं. तीन केरल में और दिल्ली में एक मरीज मिला है. संक्रमण बढ़ने की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाल दिया है.
जिस तरह की सावधानियां कोरोना से बचने के लिए बरतने को कही जा रही थीं, ठीक उसी तरह की सावधानियां मंकीपॉक्स से भी बरतने की सलाह दी जा रही है. ऐसे में मंकीपॉक्स और कोरोना के संक्रमण में एक जैसी बीमारी होने का कन्फ्यूजन भी हो सकता है. लेकिन, ये दोनों अलग-अलग वायरस हैं और इनमें लक्षण भी अलग हैं.
1. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः वायरस में अंतर
दोनों के वायरस पूरी तरह अलग हैं. कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है. जबकि, मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्सवायरस है. Variola Virus भी इसी फैमिली है, जिससे चेचक होता है. SARS-COV-2 एक नया वायरस है, जो 2019 के आखिरी में फैलना शुरू हुआ था. जबकि, मंकीपॉक्स दशकों से हमारे बीच मौजूद है.
2. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः लक्षणों में अंतर
मंकीपॉक्स और कोरोना, दोनों के लक्षण काफी हद तक समान होते हैं. हालांकि, कोरोना होने पर ये लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं, जबकि मंकीपॉक्स में इतनी गंभीरता नहीं होती.
मंकीपॉक्स के लक्षण
- बुखार आना.
- स्किन पर चकत्ते पड़ना. ये चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो सकते हैं.
- सूजे हुए लिम्फ नोड. यानी शरीर में गांठ पड़ना.
- सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट.
- गले में खराश और खांसी आना.
कोरोना के लक्षण
- बुखार आना या ठंड लगना.
- गले में खराश और खांसी होना.
- सांस लेने में तकलीफ या कठिनाई होना.
- सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों और शरीर में दर्द होना.
- स्वाद या गंध महसूस न होना.
- नाक बहना, उल्टी आना या दस्त होना.
3. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः कैसे फैलता है संक्रमण?
- मंकीपॉक्सः WHO का मानना है कि ये बीमारी जानवरों से इंसानों में आई है. 50 साल पहले इसका ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन शुरू हो गया था. संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से, उससे यौन संबंध बनाने से या उसके कपड़ों और दूसरी चीजों का इस्तेमाल करने से संक्रमण फैल सकता है.
- कोरोनाः ये वायरस कहां से आया, इस बारे में अभी कोई पुख्ता सबूत नहीं है. 2019 के आखिर में ये चीन के वुहान शहर में फैलनी शुरू हुई थी और बाद में पूरी दुनिया में फैल गई. इससे संक्रमित व्यक्ति दूसरों में भी संक्रमण फैला सकता है. किसी संक्रमित के संपर्क में आने से, उसकी चीजों को इस्तेमाल करने से संक्रमण फैल सकता है. इतना ही नहीं, किसी सतह पर वायरस है, तो वहां से भी संक्रमण फैल सकता है.
4. मंकीपॉक्स बनाम कोरोना: फिर कैसे दोनों में अंतर हुआ?
मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस दोनों ही संक्रामक बीमारी है. मंकीपॉक्स की तुलना में कोरोना ज्यादा संक्रामक है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने भर से ही कोरोना फैल सकता है. अगर किसी कोरोना संक्रमित के पास आप खड़े हैं तो आपके भी संक्रमित होने का खतरा है. लेकिन मंकीपॉक्स में ऐसा नहीं है. मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति से आप दूरी बनाकर रख रहे हैं और मास्क पहना है तो संक्रमण से बचा जा सकता है.
5. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः बीमारियों में अंतर?
कोरोना का वायरस फेफड़ों पर हमला करता है. इस वजह से सांस लेने में तकलीफ या कठिनाई होती है. जबकि, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं.
6. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः ज्यादा गंभीर कौन?
कोरोना से संक्रमित होने पर कई बार इतनी गंभीर हो जाती है कि मौत का खतरा बढ़ जाता है या मौत भी हो जाती है. जबकि, मंकीपॉक्स कम मामलों में ही घातक साबित होता है. कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 64.12 लाख से ज्यादा मौत हो चुकी है. जबकि, मंकीपॉक्स से अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है.
7. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः लक्षण कब तक दिखते हैं?
कोरोना वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 14 दिन, जबकि मंकीपॉक्स का 21 दिन है. इन्क्यूबेशन पीरियड यानी संक्रमित होने के कितने दिन बात तक लक्षण सामने आ सकते हैं. कई बार संक्रमित होने के अगले दिन ही या उसी दिन ही लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन कई बार इसमें समय लगता है. अगर कोरोना से संक्रमित हुए हैं तो 14 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं. इसी तरह मंकीपॉक्स से संक्रमित हुए हैं तो 21 दिन के भीतर लक्षण सामने आ सकते हैं.
8. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः कितने दिन में ठीक हो सकते हैं?
वैक्सीनेशन के बाद कोरोना से संक्रमित होने पर अब बीमारी से ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता है. जानकारी के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित होने पर 4-5 दिन में ठीक हुआ जा सकता है. हालांकि, रिकवरी के बाद कई दिनों तक कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं. वहीं, मंकीपॉक्स का अभी कोई ठोस इलाज नहीं है. और 2 से 4 हफ्ते बाद अपने आप ही इससे ठीक हुआ जा सकता है.
9. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः क्या वैक्सीन कारगर है?
कोरोना का वैक्सीनेशन तो दुनियाभर में डेढ़ साल से चल रहा है. भारत में भी 200 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है. कोरोना के खिलाफ वैक्सीन काफी असरदार साबित हुई है और गंभीर बीमारी से बचाने में भी कामयाब रही है. वहीं, मंकीपॉक्स की कोई खास वैक्सीन नहीं है. लेकिन चेचक की वैक्सीन ही इस बीमारी पर असरदार है. एक स्टडी के मुताबिक, चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स के खिलाफ 85% तक असरदार है.
10. मंकीपॉक्स बनाम कोरोनाः आगे क्या है भविष्य?
मंकीपॉक्स और कोरोना, दोनों ही तेजी से बढ़ रहे हैं. वैक्सीनेशन के बावजूद दुनियाभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी संक्रमण की रफ्तार तेज है और कुछ दिनों से औसतन 20 हजार मामले सामने आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीनेशन ही इस महामारी को काबू कर सकता है. वहीं, मंकीपॉक्स को लेकर WHO का कहना है कि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. WHO का कहना है कि अगर लोग सावधानी बरतें, तो मंकीपॉक्स को फैलने से रोक सकते हैं.