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आधा जून गुजर गया है और अब उत्तर भारत के लोगों को मॉनसून का इंतजार है लेकिन मॉनसून की रफ्तार ने लोगों को निराश कर दिया है. दक्षिण भारत में समय से पहले दस्तक देने के बाद मॉनसून कमजोर पड़ गया है. जिसका असर उत्तर और पूर्वी भारत के हिस्सों पर पड़ रहा है और राष्ट्रीय राजधानी, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और बिहार समेत कई राज्य लू और भीषण गर्मी के चपेट में हैं. मॉनसून की धीमी प्रगति के कारण तत्काल राहत की कोई संभावना नहीं है.
सुस्त हुई मॉनसून की रफ्तार
दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और बिहार में गुरुवार को कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस को पार गया. कल यानी 13 जून को बिहार के बक्सर में देश का सबसे अधिक 47.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान 8.9 डिग्री से अधिक था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो हफ्तों के लिए अपने विस्तारित पूर्वानुमान में कहा कि इस महीने के पहले 12 दिनों में देशभर में हुई मॉनसूनी बारिश सामान्य से 4 प्रतिशत कम रही. वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत 53 प्रतिशत कम बारिश के साथ सूखा रहा. दूसरी ओर, दक्षिणी भारत में इसी 1-12 जून की अवधि के दौरान सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक बारिश हुई.
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19 जून से राहत की उम्मीद
मौसम कार्यालय ने कहा कि हफ्ते के अंत में 19 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है. इससे माना जा सकता है कि 19 जून से मौसम में राहत मिलने के आसार हैं. बता दें कि पूर्वानुमान के अनुसार, जून के दो हफ्तों में मॉनसून के कमजोर रहने की उम्मीद थी क्योंकि उत्तरी हिंद महासागर में संवहनी गतिविधि और चक्रवातों के गठन के लिए अनुकूल नहीं था.
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ओडिशा में टूटा हीटवेव का रिकॉर्ड
बता दें कि मौसम विभाग ने कहा कि आज भी अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति रहेगी. उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में भीषण लू की स्थिति है. वहीं, झारखंड, बिहार और पंजाब के कुछ हिस्सों में भी लू की स्थिति है. आईएमडी के अनुसार, 1 मार्च से 9 जून के बीच यानी 3 महीने, 9 दिन के वक्त में ओडिशा में 27 दिन लू का अनुभव हुआ, जो देश में सबसे अधिक है. इसके बाद पश्चिम राजस्थान (23), पश्चिम बंगाल (21), हरियाणा-दिल्ली-पश्चिम उत्तर प्रदेश (20), पश्चिमी मध्य प्रदेश (19), गुजरात और पूर्वी राजस्थान में 17 दिन लू रही.