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देशभर में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप, ऊपर से बिजली कटौती ने लोगों का किया हाल बेहाल

Monsoon Update: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नॉर्थ वेस्ट एमपी में अगले दो दिनों में गर्म हवाएं यानी लू के चलने के आसार हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

उत्तर भारत को फिलहाल गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं. उत्तर भारत के अधिकतर क्षेत्रों में लोगों को 'लू' के कहर का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नॉर्थ वेस्ट एमपी में अगले दो दिनों में गर्म हवाएं यानी लू के चलने के आसार हैं. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में 7 जुलाई तक मॉनसून की बारिश होने की संभावना नहीं है और उसके बाद क्षेत्र में इस महीने के मध्य तक सामान्य से कम बारिश होगी. इससे पहले, 2012 में मॉनसून दिल्ली में इतनी देर से पहुंचा था. 

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दरअसल, दिल्ली समेत कई राज्यों में तापमान 40 के पार जा चुका है और मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री से 4.5 डिग्री ऊपर पहुंचने पर हीट वेव की स्थिति घोषित कर दी जाती है. यही कारण है कि विभाग ने उत्तर भारत वाले राज्यों में अगले दो दिनों तक लू के जारी रहने की संभावना जताई है. इधर, राजस्थान में लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है, जहां 17 जिलों में तापमान 40 के पार है. चुरू में पारा 45 डिग्री के करीब पहुंच गया है.

बढ़ी बिजली की मांग
भीषण गर्मी के कारण कई राज्यों में बिजली की मांग भी बढ़ गयी है. देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड 4 हजार 303 मेगा यूनिट तक पहुंच गई है. दिल्ली में गुरुवार को बिजली की सर्वाधिक मांग 7,000 मेगावाट को पार कर गई जो इस मौसम का अब तक का सबसे उच्च स्तर है. दिल्ली में बिजली की मांग पिछले साल के रिकॉर्ड 6,314 मेगावाट को पार कर चुका है.

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देश में बिजली खपत जून के दौरान पिछले साल जून के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 115.39 अरब यूनिट रही. यह हालांकि कोविड-19 से पहले के स्तर से अभी भी कम है. नए आंकड़ों के अनुसार 30 जून, 2021 को देश में बिजली की खपत 438.4 करोड़ यूनिट (एमयू) दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है.

पंजाब में बिजली संकट
पंजाब में हर रोज बिजली की मांग 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई है. बिजली संकट को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में कटौती की गई है. अब सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक ही काम होगा. राज्य में बिजली की बढ़ती हुई मांग और बारिश नहीं होने के कारण पीएसपीसीएल ने गुरुवार को राज्य सरकार और सरकारी कार्यालयों से बिजली का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने के अलावा 3 जुलाई तक एसी बंद रखने की अपील की है. हालांकि, सीएम ऑफिस की तरफ से एसी बंद रखने की बात से इन्‍कार किया गया है.

कई राज्यों के लिए विभाग की चेतावनी

मौसम कार्यालय ने कहा, 'पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तर राजस्थान तथा उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटे तक लू की परिस्थितियां रहने की संभावना है.' विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उसके बाद अरब सागर से चलने वाली दक्षिण-पछुआ पवनों के कारण लू की प्रचंडता और इसके प्रभाव क्षेत्र में कमी आने की संभावना है. लेकिन हवा में नमी बढ़ने के कारण अगले 7 दिनों के दौरान ज्यादा राहत नहीं मिलने जा रही है.

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क्यों लेट हो रहा मॉनसून

मौसम विभाग ने कहा , 'मॉनसून राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के हिस्सों को छोड़ कर देश के ज्यादातर हिस्से में पहुंच गया है. लेकिन 19 जून से कोई प्रगति दर्ज नहीं की गई है. कम ऊंचाई पर पछुआ पवनें और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों तथा उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा का कम दबाव का क्षेत्र नहीं होना इसके कुछ कारण हैं.'

महापात्र ने कहा, 'इस महीने उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम से लेकर सामान्य बारिश होने की संभावना है.' मॉनसून के आने के बाद से, एक जून से उत्तर पश्चिम भारत में 14 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. लेकिन दिल्ली में इस अवधि में महज 29.6 मिमी बारिश हुई, जबकि इस अवधि में सामान्य तौर पर 64. 1 मिमी बारिश होती है. आमौतर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली में दस्तक दे देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में सक्रिय हो जाता है. पिछले साल मॉनसून 25 जून को दिल्ली पहुंचा था और पूरे देश में यह 29 जून तक सक्रिय हो गया था.

महापात्र ने बताया कि मध्य अक्षांशीय हवाएं,मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन (एमजेओ) की प्रतिकूल स्थिति, उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनना मानसून ब्रेक (मानसून के मौसम में बारिश के दो सत्र के बीच का अंतर) के कारण हैं.

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