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स्कूल में 25 बच्चों के हाथ पर मिले ब्लेड से जख्म के निशान, मचा हड़कंप... फिर हुआ ये खुलासा

बच्चों के हाथ पर ब्लेड के निशान देखकर अभिभावकों ने स्कूल में पूछा, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर ग्राम पंचायत में शिकायत करके पुलिस की मदद मांगी गई.

एक बच्चे के हाथ पर ब्लेड के निशान. एक बच्चे के हाथ पर ब्लेड के निशान.
अतुल तिवारी
  • अमरेली ,
  • 26 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

Gujarat News: अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक स्कूल में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. पांचवीं, छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के 25 से अधिक बच्चों के हाथों पर ब्लेड के निशान पाए गए, जिसके बाद स्कूल और गांव में हड़कंप मच गया. अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर ग्राम पंचायत में शिकायत दर्ज कर पुलिस की मदद मांगी.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए धारी के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) जयवीर गढ़वी स्कूल पहुंचे. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और बच्चों से बातचीत कर घटना का खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक, यह घटना ऑनलाइन वीडियो गेम की लत से नहीं, बल्कि 'Truth and Dare' खेल के दौरान हुई. 

ASP गढ़वी ने बताया कि सातवीं कक्षा के एक छात्र ने खेल के दौरान अन्य बच्चों को चुनौती दी कि जो अपने हाथ पर ब्लेड मारेगा, उसे 10 रुपए मिलेंगे, और जो ऐसा नहीं करेगा, उसे 5 रुपए देने होंगे. इस चुनौती के चलते 25 से अधिक बच्चों ने पेंसिल शार्पनर की ब्लेड से अपने हाथों पर कट लगा लिए. इसकी जानकारी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (DPEO) को दे दी गई है.

जांच में पता चला कि जब स्कूल प्रशासन को इस घटना का पता चला, तो बच्चों को घर पर कुछ न बताने की हिदायत दी गई. उन्हें कहा गया कि अगर कोई हाथ के निशानों के बारे में पूछे, तो कह देना कि खेलते वक्त गिरने से चोट लगी.

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हालांकि, एक अभिभावक को सच पता चलने पर स्कूल में पूछताछ की गई, जिसके बाद प्रशासन ने अभिभावकों के साथ बैठक की. बात गांव के सरपंच और अन्य लोगों तक पहुंची, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया.

पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह मामला 'Truth and Dare' खेल से जुड़ा है, न कि किसी ऑनलाइन गेम की लत से. बच्चों ने खेल के दौरान शार्पनर की ब्लेड से एक-दूसरे के हाथों पर निशान बनाए. अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं. 

पुलिस और शिक्षा विभाग अब इस घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. यह मामला बच्चों के बीच खतरनाक खेलों के प्रति जागरूकता की जरूरत को भी रेखांकित करता है.

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