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कश्मीर में बाहरी लोग खरीदेंगे जमीन, जितेंद्र सिंह बोले- सबसे पहले गुपकार समझौते के नेताओं का जाएगा बंगला

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले गुपकार समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं का बंगला जाएगा और बाहरी लोग जमीन खरीदेंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाहरी लोग दबाव नहीं डाल रहे हैं. वे किसी की जमीन हड़प नहीं रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह (फाइल फोटो) केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह (फाइल फोटो)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST
  • केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर निशाना
  • 'सबसे पहले गुपकार समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं का बंगला जाएगा'
  • बाहरी लोग दबाव नहीं डाल रहे हैं, वे किसी की जमीन हड़प नहीं रहे: जितेंद्र सिंह

अब जम्मू-कश्मीर में देश का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहां पर बस सकता है. केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार के इस फैसले का जम्मू-कश्मीर के नेता विरोध कर रहे हैं. पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये स्वीकार करने लायक नहीं है. वहीं, अब केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पलटवार किया है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पहले गुपकार समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं का बंगला जाएगा और बाहरी लोग जमीन खरीदेंगे. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बाहरी लोग दबाव नहीं डाल रहे हैं. वे किसी की जमीन हड़प नहीं रहे हैं. कश्मीर के नेताओं के बयान भ्रामक हैं. वहां हालात बेहतर होंगे. अधिक विकास होगा और बेहतर शिक्षा मिलेगी.

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जितेंद्र सिंह ने इसके साथ ही कहा कि हम चाहते तो ऐसा नहीं करते, लेकिन जम्मू-कश्मीर को इससे फायदा होगा. यहां की राजनीति से अब तक सिर्फ 6 पार्टियों को ही फायदा पहुंचा है.  

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उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था

बता दें कि इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो स्वीकार करने लायक नहीं हैं. अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है. अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसे और मुश्किलें होंगी.

जम्मू-कश्मीर में कोई भी खरीद सकेगा जमीन

बता दें कि अब से पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ स्थानीय नागरिक ही जमीन खरीद या बेच सकते थे. लेकिन अब जब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बने एक साल हो रहा है, तब केंद्र ने कानून में बदलाव कर दिया है. अब प्रदेश से बाहर का कोई भी व्यक्ति घाटी में दुकान, फैक्ट्री, रहने के लिए जमीन ले सकता है. हालांकि, खेती करने के लिए आसानी से जमीन नहीं मिलेगी. उसमें अभी भी प्राथमिकताएं स्थानीय लोगों को ही दी जाएंगी.

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गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पार्टियों ने गुपकार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और गठबंधन बनाया है, जो अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग करेगा. बता दें कि गुपकार रोड श्रीनगर के वीवीआईपी इलाके में आता है. इस रोड पर फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं का आवास है. 


 


 

 

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