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'मुझसे पूछा ही नहीं जाता...', कांग्रेस की बैठक में कमलनाथ ने जताई नाराजगी, दिग्विजय ने भी सुर में सुर मिलाए

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा, "मुझे मीटिंग का एजेंडा बैठक से कुछ मिनट पहले ही बताया गया. हमारे लिए यह मुमकिन नहीं है क्योंकि हमें मोबाइल के जरिए मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है."

MP के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ MP के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
रवीश पाल सिंह/अमृतांशी जोशी
  • भोपाल,
  • 08 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता कमल नाथ ने संगठन से नाराजगी जाहिर की है. 26 जनवरी को महू में महारैली होने जा रही है, जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य सीनियर लीडर के शिरकत करने की उम्मीद है. रैली की तैयारियों पर चर्चा के लिए कल रात राजनीतिक मामलों की समिति की जूम मीटिंग हुई. इस मीटिंग में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता विपक्ष उमंग सिंघार, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और राज्य पीएसी के अन्य सदस्य शामिल हुए.

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वर्चुअल बैठक के दौरान कमल नाथ ने कहा, 'आजकल ऐसा हो रहा है कि संगठन में नियुक्तियों के बारे में मुझसे पूछा तक नहीं जा रहा है. नियुक्तियों के बारे में सीनियर नेताओं से बात की जानी चाहिए. मुझे बैठकों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जाती है और ऐसा पहले भी होता रहा है. हाल ही में मुझे मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि PCC में मीटिंग हुई है."

'नाराजगी के कयास निराधार...'

कमलनाथ ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सफाई भी दी है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस की मजबूती के लिए और प्रदेश की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हम सब कांग्रेसजन एक हैं, विवाद का कोई प्रश्न नहीं है. पिछले दिनों हुई प्रदेश की राजनैतिक मामलों की समिति की बैठक को लेकर मीडिया में नाराजगी के जो कयास लगाए जा रहे हैं, वे निराधार हैं."

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कमलनाथ, मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन महज 15 महीनों के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. वह मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. कांग्रेस के एक नेता के रूप में उन्होंने शहरी विकास मंत्री के रूप में कार्य किया है. कमलनाथ, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार चुने जा चुके गए हैं. उन्हें मई 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था. नवंबर-दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया. उन्होंने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया और सरकार में बहुमत नहीं होने के कारण 20 मार्च 2020 को इस्तीफा दे दिया.

दिग्विजय सिंह भी नाराज!

कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय ने भी इशारों-इशारों में नाराजगी जताई और कहा, "मुझे मीटिंग का एजेंडा बैठक से कुछ मिनट पहले ही बताया गया. हमारे लिए यह मुमकिन नहीं है क्योंकि हमें मोबाइल के जरिए मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है."

यह भी पढ़ें: 'सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि पूरे MP में बड़ी हार का सवाल है...', बेटे नकुलनाथ की छिंदवाड़ा से हार पर बोले कमलनाथ

बता दें कि दिग्विजय सिंह मौजूदा वक्त में कांग्रेस राज्यसभा सांसद हैं. वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. दिग्विजय सिंह अपने बेबाक बयानों को लेकर पहचाने जाते हैं और हमेशा सुर्खियों में रहते हैं.

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प्रदेश कांग्रेस चीफ ने दिया जवाब

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "सभी सीनियर नेताओं की राय के बाद ही फैसले लिए जा रहे हैं. हो सकता है कि कुछ गलतफहमी हो गई हो."

उन्होंने यह भी कहा कि प्रवक्ताओं की नियुक्ति के संबंध में पिछले दिनों एक पत्र जारी किया गया था, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि सीनियर नेता खुश नहीं हैं, तो सभी नियुक्तियां तत्काल रद्द कर दी गईं.

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