
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि हिंदुओं को अदालतों में जाकर मस्जिदों का सर्वेक्षण कराने का अधिकार है. क्योंकि यह सच है कि इनमें से कई मस्जिदें मुगल आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिरों के खंडहरों पर बनाई गई थीं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आजादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसे विवादों को खत्म करने के लिए कदम उठाए होते तो हिंदुओं को अदालतों का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़ता.
दरअसल, संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान गिरिराज ने राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण की मांग करने वाली एक निचली अदालत में दायर याचिका के सवाल के जवाब में कहा. उन्होंने कहा कि इसमें समस्या क्या है? यह सच है कि मुगल आक्रमणकारियों ने हमारे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था... मंदिरों (खंडहरों) पर मस्जिद बनाने का अभियान आक्रमणकारियों द्वारा चलाया गया था.
अब अगर आप मुझसे पूछें कि कितनी मस्जिदें हैं तो मैं कहूंगा कि कांग्रेस सरकार तुष्टीकरण कर रही थी. अगर नेहरू ने आजादी के बाद ऐसे विवादों को खत्म करने के लिए कदम उठाए होते, तो "हमें आज अदालतों में याचिका दायर करने की जरूरत नहीं पड़ती.
बुधवार को अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने दरगाह को मंदिर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर दरगाह समिति, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया. यह नोटिस उत्तर प्रदेश के संभल में चार लोगों की हत्या के कुछ दिनों बाद आया है.
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जिसमें स्थानीय अदालत ने मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह मस्जिद एक पुराने मंदिर को नष्ट करके बनाई गई थी. सिंह ने आगे कहा कि सर्वेक्षण कराना कानूनी अधिकार है. उन्होंने विपक्षी दलों पर इस निर्देश को लेकर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया.