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शरद पवार ने की बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस की तारीफ, कहा- सेक्युलर हैं, 2 समुदायों के बीच नहीं आने देंगे दरार

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में स्थिति सुधारने में मदद के लिए वहां सहयोग करेगी. पवार ने यह भी कहा कि मोहम्मद यूनुस कई साल पहले पुणे आए थे.

शरद पवार और मोहम्मद यूनुस (फाइल फोटो) शरद पवार और मोहम्मद यूनुस (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 12 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक 'धर्मनिरपेक्ष' नेता हैं और वह तय करेंगे कि पड़ोसी देश में तमाम समुदायों के बीच कोई दरार न हो. शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी देखी गई है और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. हिंसा का दौर कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ और तत्कालीन पीएम शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह में बदल गया, जिसके कारण उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा.

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अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस (84) ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली.

'स्थिति में सुधार होगा...'

एजेंसी के मुताबिक, पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, "मेरी जानकारी के मुताबिक, वह (यूनुस) सेक्युलर हैं और कभी भी समुदायों और भाषाई समूहों के बीच दरार पैदा करने का काम नहीं करेंगे. बांग्लादेश के लिए संतुलित रुख अपनाना जरूरी है और ऐसा लगता है कि (वहां) स्थिति में सुधार होगा."

यह भी पढ़ें: दिल्ली में INDIA ब्लॉक के नेताओं से मुलाकात करेंगे उद्धव ठाकरे और शरद पवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में स्थिति सुधारने में मदद के लिए वहां सहयोग करेगी. पवार ने यह भी कहा कि मोहम्मद यूनुस कई साल पहले पुणे आए थे.

हिंसा और आगजनी के बीच पुलिस नदारद

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बांग्लादेश में पहले के मुकाबले आक्रोश भले ही शांत हो गया है, लेकिन हिंसा और आगजनी के निशान आभी भी ताजा हैं. अवामी लीग पार्टी के समर्थक करीम उल हक ने आजतक को बताया कि उस दिन हुडदंगियों ने न सिर्फ दफ्तर को तोड़ा बल्कि लाखों रुपयों का सामान भी लूट कर ले गए. पार्टी की मुखिया शेख हसीना के कमरे से लेकर के पार्टी के मीटिंग हॉल बैठक और बिल्डिंग के तमाम हिस्सों को या तो जला दिया गया है या तोड़-फोड़ दिया गया है. 

इसी बीच बांग्लादेश के सड़कों से पुलिस नदारद है. शहर के बीचों-बीच पुलिस हेडक्वार्टर भी वीरान है, जिसकी हिफाजत अब बांग्लादेश की सेना कर रही है. प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर पत्थरबाजी हुई, तो पुलिस हेडक्वार्टर को भी निशाना बनाया गया, जिसके निशान ताजा हैं. टूटे-फूटे वीरान पड़े हेडक्वार्टर के बाहर रविवार को कुछ पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने आए थे, जो अपनी नौकरी पर फिर से जाना चाहते हैं. 

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