
कभी उत्तर प्रदेश का बड़ा माफिया रहे मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई. बांदा जेल में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया. यहां करीब एक घंटे के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 केस दर्ज हैं. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है. इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हो चुकी थी.
कृष्णानंद राय के बेटे ने कही ये बात
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही इस बात का पता चला. पीयूष राय ने गोरखनाथ भगवान का धन्यवाद किया और कहा कि उनका आशीर्वाद हम पर है. उन्होंने यह भी कहा कि जो जैसा करता है, उसे यहीं पर इसी भूखंड में मिलता है. यह बात उन्होंने मुख्तार अंसारी की मौत के संदर्भ में कही. बीजेपी के नेता कृष्णानंद राय की हत्या में अंसारी का नाम सामने आया था, जिसके बाद बीजेपी ने बड़ी लड़ाई लड़ी थी.
भगवान ने किया फैसला: पीयूष राय
आजतक से बात करते हुए पीयूष राय ने कहा कि, ' मुझे पता चला है कि बांदा जेल में उनकी मृत्यु हो चुकी है. बस इस समय मैं गोरखनाथ भगवान का बहुत शुक्रिया कहूंगा, उनका बहुत आशीर्वाद है हम लोगों पर. मैं बस इतनी सी बात कहूंगा, 'कर्म के दायरे से उतरोगे, तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी.' इसको देखने को आज हमें मिला है. इसका फैसला भगवान ने किया है. जो जैसा करता है, उसका फल उसे मिलता है.'
2002 में विधायक बने थे कृष्णानंद राय
2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने मुहम्मदाबाद से लगातार चुने जाते रहे मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को हरा दिया और बीजेपी विधायक चुने गए. इसके बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच अदावत चलने हो गई थी. 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय को करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था. हल्की हल्की बारिश हो रही थी. वह बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी में चले गए. इसकी मुखबिरी हो गई.
2005 में हुई थी कृष्णानंद राय की हत्या
शाम 4 बजे के आसपास जब वह अपने गांव गोडउर लौट रहे तो बसनियां चट्टी पर उन्हें घेर लिया गया और एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई, तकरीबन 400 गोलियां चलाई गईं. कृष्णानंद समेत 7 लोग मारे गए. कृष्णानंद राय के शरीर से 67 गोलियां निकाली गईं. यह सामान्य हत्या नहीं थी. यह बताने के लिए था कि आपके इलाके में आपके लोगों के बीच घुसकर मारा है. कृष्णानंद राय की चुटिया उस समय फेमस हो चुकी थी. कहा जाता है कि हमलावरों में से एक हनुमान पांडेय ने उनकी चुटिया काट ली थी. बाद में उसी दौरान का एक ऑडियो सामने आया जिसमें मुख्तार जेल से ही एक माफिया से बात कर रहे हैं और बता रहे हैं चुटिया काट लिहिन.
राजनाथ सिंह ने मुलायम सरकार के खिलाफ खोला था मोर्चा
कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वांचल जल उठा. बसें फूंकी गईं, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. बीजेपी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने मुलायम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई. राय की पत्नी अलका राय की याचिका पर केस दिल्ली ट्रांसफर किया गया लेकिन सबूतों के अभाव में 3 जुलाई 2019 को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार, अफजाल समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.