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ब्लैक पैंथर कमांडोज, CRPF का घेरा, CCTV से निगरानी... डिब्रूगढ़ जेल में कड़ी सुरक्षा में रखे गए अमृतपाल के सहयोगी

पंजाब में 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. उसके कई साथियों और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया था.इस दौरान पकड़े गए कुछ सहयोगियों को सुरक्षा व्यवस्था के चलते डिब्रूगढ़ की जेल में शिफ्ट किया गया है.

अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो) अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • डिब्रूगढ़ ,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में पंजाब पुलिस लगातार जुटी हुई है. अब तक उसके 154 सहयोगी और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 7 को असम के डिब्रूगढ़ की जेल में रखा गया है. इनमें अमृतपाल का चाचा भी शामिल है. डिब्रूगढ़ की जिस जेल में इन लोगों को रखा गया है, वहीं सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. जेल के बाहर और अंदर कई लेयर में सिक्योरिटी अरेंजमेंट किया गया है. यहां तक कि असम पुलिस कमांडोज की ब्लैक पैंथर टीम को तैनात किया गया है. इसके अलावा जेल के अंदर सीआरपीएफ के जवान, असम पुलिस और जेल सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है. 

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समाचार एजेंसी के मुताबिक, पंजाब में 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. उसके कई साथियों और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया था.इस दौरान पकड़े गए कुछ सहयोगियों को सुरक्षा व्यवस्था के चलते डिब्रूगढ़ की जेल में शिफ्ट किया गया है. डिब्रूगढ़ के डिप्टी कमिश्नर बिस्वाजीत पेगु ने बताया कि जेल में अमृतपाल के चाचा समेत 7 लोगों को रखा गया है. जेल में मल्टी लेयर सिक्योरिटी व्यवस्था की गई है. 

डिब्रूगढ़ के डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को अमृतपाल के 4 साथियों को यहां शिफ्ट किया था. इसके बाद मंगलवार को उसके चाचा समेत 3 लोगों को पंजाब से करीब 2500 किलोमीटर दूर NSA के तहत यहां लाया गया था. उन्होंने बताया कि वारिस पंजाब दे के 7 सदस्यों को जेल में रखा गया है. जिन्हें NSA के तहत गिरफ्तार किया गया है, उनकी सुरक्षा अन्य कैदियों से अलग है. 

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जेल सूत्रों के मुताबिक, ब्लैक पैंथर असम पुलिस कमांडो की एक टीम को जेल की बाहरी बाउंड्री को सुरक्षित रखने का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि सीआरपीएफ, असम पुलिस कर्मियों और जेल प्रहरियों को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली है. जेल की बाहरी बाउंड्री में CCTV लगाए गए हैं. डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के अलावा दलजीत कल्सी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह को रखा गया है. 

अजनाला की घटना के बाद पुलिस के निशाने पर आया अमृतपाल 

दरअसल, अमृतपाल ने फरवरी में अपने समर्थकों के साथ अजनाला में थाने पर हमला बोला था. इसके बाद से पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए योजना बना रही थी. 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए सात जिलों की पुलिस टीम बनाई थी. पचास से ज्यादा पुलिस गाड़ियां उसके पीछे थी. पुलिस ने नाका भी लगाया, उसे रोकने की कोशिश भी की, उसे दौड़ाया भी, उसका पीछा भी किया. उसके बावजूद अमृतपाल भागने में कामयाब रहा. पुलिस ने उसके 154 सहयोगी और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. 

कौन है अमृतपाल सिंह? 

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है. इसे अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी. दीप सिद्धू लाल किला हिंसा का आरोपी भी था. दीप सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की कमान संभाली. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया था.

 

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