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Explainer: क्या है मेट्रो शेड प्रोजेक्ट, क्यों बन गई है उद्धव सरकार के लिए नाक की लड़ाई

बॉम्बे हाई कोर्ट के ताजा आदेश के बाद ये मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. बुधवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर कोर्ट ने मेट्रो कार शेड के लिए कांजूरमार्ग साल्ट पैन में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

ऑरे कॉलोनी जहां बीजेपी सरकार मेट्रो शेड बनाना चाहती थी (फाइल फोटो- पीटीआई) ऑरे कॉलोनी जहां बीजेपी सरकार मेट्रो शेड बनाना चाहती थी (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 21 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST
  • राजनीति का शिकार हुआ मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट
  • अदालत ने उद्धव सरकार के फैसले पर लगाई रोक
  • कांजूरमार्ग में मेट्रो शेड प्रोजेक्ट बनाने का विरोध

मुंबई में मेट्रो कार शेड कहां बनेगी इस पर बीजेपी और शिवसेना के बीच रार जारी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसे नाक की लड़ाई बना ली है. उद्धव ठाकरे मेट्रो कार शेड के मुद्दे को अब सीधे जनता की अदालत में ले गए हैं. रविवार को राज्य की जनता के नाम जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जनता ही बताए सरकार कहां गलत है. 

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क्या है मेट्रो कार शेड

इस विवाद को समझाने से पहले हम आपको बताते हैं कि मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट है क्या? दरअसल मुंबई मेट्रो 33.5 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बांद्रा सीपज अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के लिए MMRDA एक मेट्रो कार शेड बना रही है.

 ये मेट्रो प्रोजेक्ट शिवसेना और बीजेपी के लिए लंबे वक्त से विवाद की वजह बन गई है. शिवसेना 2015 से इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने की मांग कर रहा थी. बता दें कि जब शिवसेना बीजेपी के साथ सत्ता में थी उसी समय से शिवसेना आरे में इस प्रोजेक्ट को बनाने का विरोध कर रही थी. विधानसभा चुनाव के दौरान भी शिवसेना ने वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आती है तो इस प्रोजेक्ट को आरे से रद्द करा देगी. 

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बता दें कि आरे मुंबई शहर के अंदर बसा एक ग्रीन लैंड है. यहां पर लगभग 5 लाख पेड़ हैं और यहां जानवरों और पक्षियों की  कई प्रजातियां पाई जाती हैं. इस स्थान की हरियाली की वजह से इसे 'ग्रीन लंग ऑफ मुंबई' कहते हैं.

वहीं बीजेपी अबतक मानती है कि आरे ही एक मात्र वो जगह है जहां निर्धारित लागत और तय समय के अंदर मेट्रो शेड का निर्माण किया जा सकता है. इधर सत्ता में आते ही शिवसेना ने आरे में मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया और इसे कांजूरमार्ग शिफ्ट कर दिया. सरकार ने इस निर्माण के लिए 102 एकड़ जमीन भी ट्रांसफर कर दी. 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगाई

बॉम्बे हाई कोर्ट के ताजा आदेश के बाद ये मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. बुधवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर कोर्ट ने मेट्रो कार शेड के लिए कांजूरमार्ग साल्ट पैन में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पर रोक लगा दी है. कांजूरमार्ग में महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. केंद्र ने इस जमीन पर अपना मालिकाना हक बताया था.

जनता ही बताए सरकार कहां गलत है-उद्धव

बुधवार को अदालत से झटका लगने के बाद उद्धव ठाकरे एक बार फिर जनता के बीच आए. उद्धव ने इस बार जनता के बीच इमोशनल कार्ड फेंका. सीएम उद्धव ने कहा कि मेट्रो के नाम पर भविष्य में आरे का पूरा जंगल ही बर्बाद हो सकता था.

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इसलिए महा विकास अघाड़ी की सरकार ने आरे से मेट्रो कार शेड का काम कांजुरमार्ग की जमीन पर शिफ्ट किया. इस दौरान हमने क्या गलत किया ये जनता ही बताए. उद्धव ने पर्यावरण का हवाला देते हुए कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार ने मुंबई शहर के बीचो-बीच एकमात्र घने जंगल और  जीवन को संरक्षित करने का काम किया है. 

कांजुरमार्ग की जमीन पर केंद्र सरकार के नमक आयुक्त के  दावा पेश किए जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये जमीन राज्य सरकार की है. भूमि के स्वामित्व पर कोई विवाद है तो बातचीत के माध्यम से मुद्दे का हल किया जा सकता है. 

मेट्रो शेड वर्सेज बुलेट ट्रेन

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया कि अगर केंद्र कांजुरमार्ग मेट्रो शेड के निर्माण में दिक्कत पैदा करती है और हम बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में दिक्कत पैदा करते हैं तो इससे कुछ हासिल नहीं होगा. उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में सबसे महंगी जमीन केंद्र सरकार की बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए दी है. 

मेट्रो प्रोजेक्ट से ज्यादा मेट्रो शेड पर खर्च 

इस बीच विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर ठाकरे सरकार पर मेट्रो शेड पर ज्यादा खर्च करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना की कुल लागत से बहुत अधिक पैसा मेट्रो शेड पर खर्च किया जा रहा है.

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फडणवीस ने कहा कि मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 21000 करोड़ रुपये है और बीकेसी में मेट्रो शेड तकरीबन 30000 करोड़ रुपये की लागत से बनाना चाहती है. ऐसे में मेट्रो प्रोजेक्ट की तुलना में क्या शेड की कीमत ज़्यादा नहीं है?

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में उद्धव सरकार 

कानूनी पेचीदगियों के बीच इस प्रोजेक्ट में देर हो रही है और इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन नाक की लड़ाई बन चुके इस प्रोजेक्ट को लेकर उद्धव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं.

 

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