
मशहूर शायर मुनव्वर राना पिछले लंबे समय से विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन अब वे बदले-बदले से नजर आ रहे हैं. उनके तेवर ढीले पड़ते हुए दिख रहे हैं. मुनव्वर राना ने कहा है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी से इश्क करते हैं और उनके तालिबान से ज्यादा हथियार भारत के माफियाओं के पास होने वाले बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. 'आजतक' की अंजना ओम कश्यप से एक्सक्लूसिव बात करते हुए मुनव्वर राना ने यह भी कहा कि यदि योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री बनते हैं तो शायद वे लोगों से मोहब्बत से मिलने लगेंगे.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मुनव्वर राना ने कहा था कि तालिबान से ज्यादा हथियार भारत में रहने वाले माफियाओं के पास हैं. इसके अलावा, उन पर तालिबान और महर्षि वाल्मीकि की तुलना करने का भी आरोप लगा था, जिसके बाद लखनऊ में उनके खिलाफ तहरीर भी दायर की गई है. हथियार वाले बयान पर सफाई पेश करते हुए राना ने कहा, ''यह बात मैंने कही थी और इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, क्योंकि तालिबान एक जंगली कौम है और हिंदुस्तान एक मुल्क है. अगर 10-20 भी भारत में हथियार निकले तो यह बुरी बात है. मैंने कोई तुलना नहीं की थी और देश में कितने हथियार हैं, उसका रिकॉर्ड पुलिस के पास होगा. मेरा ऐसा कहना कोई बड़ी बात नहीं है. मैंने शायराना अंदाज में हथियार वाली बात कही थी.''
'मैं मोदीजी को पसंद करता हूं, इश्क करता हूं'
वहीं, मोदी सरकार में देश के विकास को लेकर पूछे गए एक सवाल पर शायर राना ने कहा, ''मैं मोदी जी को पसंद करता हूं. मेरी कमजोरी है कि मैं मोदी जी से इश्क करता हूं. जब मैंने अवॉर्ड वापस किया था, तब वे मुझसे काफी नाराज थे, लेकिन मेरी मां के निधन पर उन्होंने मुझे पत्र लिखा था और मैं काफी शर्मिंदा हुआ.'' उन्होंने कहा, ''जब मैं मोदी जी से मिलने गया तो मैंने कहा कि सर, मैं इसलिए मिलने आया हूं कि आपने जब मेरी मां के निधन पर जब पत्र लिखा तो मैं शर्मिंदा हुआ. जब मैंने अवॉर्ड वापस किया था, तब आपने अपने पीए के जरिए से मुझे बुलाया था. मैं नहीं आ पाया था. मैंने उनसे यह भी कहा कि सबका साथ-सबका विकास के नारे पर सच्चे तौर पर अमल हो जाए तो मैं आपको इतिहास के पन्ने पर सम्राट अशोक की तरह देखना चाहता हूं, दागदार प्रधानमंत्री की तरह नहीं देखना चाहता.''
'योगीजी, पीएम बन जाएंगे तो शायद मोहब्बत से मिलने लगेंगे'
मुनव्वर राना ने आगे कहा कि इस तरह पीएम मोदी ने मेरी बात सुनी और कुर्सी पर बैठने से पहले मैंने उनसे कह दिया कि ये लोकसभा और राज्यसभा की कुर्सियां मेरी शख्सियत से काफी छोटी हैं और इसे मुझे कभी जरूरत नहीं हुई. हम दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई. अगर सबका साथ और सबका विकास हो तो हमें क्या बुराई है. वहीं, योगी जी से भी इतना ही इश्क है के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं योगी जी से मिला हूं, वह मठ के आदमी हैं और योगी ही रहते हैं. जब शख्स सत्ता में आता है तो हिंदू मुस्लिम भूलकर मोहब्बत करना सीख लेता देता है और योगी जी यह नहीं कर सके हैं. मुमकिन हो कि यदि वे पीएम बन जाएं तो शायद मोहब्बत से मिलने लगेंगे. नाम बदलना छूट जाएगा.
'अल्पसंख्यक से मतलब सिख या क्रिश्चियन नहीं, बल्कि गरीब से'
जब मुनव्वर राना से सवाल किया गया कि उन्होंने बयान दिया था कि देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है तो उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा. इसको लेकर एक भी रिकॉर्ड नहीं दिखाया जा सकता है. अल्पसंख्यक का मतलब गरीब होता है नाकि सिख, क्रिश्चियन या कोई और. उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि मैं शायरी की आवाज बोलता हूं.