
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट जारी है. ऐसे में महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने धारावी के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर चिंता जताई है. दरअसल, अडानी ग्रुप को पिछले साल एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी के रिडेवलपमेंट का काम मिला था. कंपनी ने तमाम कंपनियों को पछाड़ते इसके लिए 5069 करोड़ रुपए में रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली जीती थी.
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन सावंत ने ट्वीट कर कहा कि अडानी समूह के शेयरों में गिरावट को देखते हुए लग रहा है कि सब ठीक नहीं है और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार को धारावी प्रोजेक्ट पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए. सावंत ने कहा, क्या सरकार लाखों लोगों के भविष्य को ऐसी कंपनी के हाथों में जाने देगा, जिसके भविष्य पर ही संकट नजर आ रहा है.
उधर, शिवसेना प्रवक्ता किशोर तिवारी ने आरोप लगाया कि महाविकास अघाड़ी सरकार को इसलिए गिराया गया था, ताकि अडानी ग्रुप को राज्य के बड़े प्रोजेक्ट दिलाए जा सकें. किशोर तिवारी ने अडानी ग्रुप को दिए गए नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत तमाम बड़े प्रोजेक्ट के भविष्य पर भी सवाल उठाया. विपक्ष ने सरकार से अडानी को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट पर विचार करने की मांग की है.
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को फायदा
मुंबई धारावी को रिडेवलप करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने प्लान तैयार किया है. इसके तहत अडानी की कंपनी के साथ करार कर स्लम एरिया को संवारा जाएगा. Dharavi redevelopment Project से इस एरिया में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को फायदा होगा और उनके जीवन में बदलाव देखने को मिलेगा. प्रोजेक्ट के तहत धारावी के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले योग्य लोगों को मुफ्त में घर मिल सकेगा. जो जरूरी सुविधाओं से लैस होगा.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद गिर रहे अडानी के शेयर
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.