
ओडिशा की एक अदालत ने शुक्रवार को बेंगलुरु में स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या के आरोपी निलंबित एसआई गोपाल दास के मानसिक स्वास्थ्य की फिर से जांच के लिए अपराध शाखा की याचिका को खारिज कर है. अपराध शाखा ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि दास को तीन सप्ताह के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS) में कई मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से गुजरने की अनुमति दी जाए. क्राइम ब्रांच के वकील ने तर्क दिया कि दास को संस्थान में ले जाने की अनुमति इसलिए मांगी जा रही थी क्योंकि परिष्कृत उपकरण और विशेषज्ञ उपलब्ध हैं.
हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि एजेंसी पहले ही दास को 13 दिनों के लिए हिरासत में ले चुकी है. कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मनोचिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड कह चुका है कि पुलिसकर्मी की मानसिक स्थिति ठीक है.
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने जेएमएफसी कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद झारसुगुड़ा के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की कोर्ट में अपील की थी.
29 जनवरी को मारी गई थी गोली
गोपाल दास को 29 जनवरी को कथित रूप से मंत्री पर गोली चलाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. 60 वर्षीय मंत्री नब दास की उनके गृह जिले झारसुगुड़ा के ब्रजराजनगर के गांधी चौक पर एएसआई द्वारा कथित रूप से गोली मार दी गई थी, जब वह 29 जनवरी को एक आधिकारिक कार्यक्रम के लिए वहां गए थे. बाद में भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में गोली लगने से मंत्री की मौत हो गई थी.
कार्डियोजेनिक शॉक से हुई थी मंत्री की मौत
नब किशोर दास की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत "कार्डियोजेनिक शॉक" की वजह से हुई थी. ओडिशा पुलिस ने एक बयान में कहा था, "पीएम रिपोर्ट से पता चलता है कि नब दास की मौत रिवॉल्वर की गोली लगने के बाद कार्डियोजेनिक सदमे के कारण हुई थी. हालांकि उसकी प्रकृति हत्या है.