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'यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है, यह मौका जाने नहीं देना है', लाल किले से बोले PM मोदी

लालकिले की प्रचीर से लगातार 11वीं बार संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आजादी के नायकों को नमन किया और कहा, 'आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है.ये देश उनका ऋणी है.ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं'

लालकिले की प्राचीर से संबोधित करते हुए पीएम मोदी लालकिले की प्राचीर से संबोधित करते हुए पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

PM Modi Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया और साथ में 2047 तक विकसित भारत बनाने के अपने संकल्प को भी दोहराया. पीएम मोदी ने कहा,'जब लाल किले से कहा जाता है कि देश के 18 हजार गांव में समय सीमा के अंदर बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है तो भरोसा मजबूत हो जाता है. यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है, यह मौका जाने नहीं देना है.'

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आजादी के नायकों को नमन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है.ये देश उनका ऋणी है.ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं'

हमने चुना रिफॉर्म का मार्ग- पीएम

अपनी सरकार द्वारा किए सुधारों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हमने रिफॉर्म का मार्ग का मार्ग चुना, मैंदेशवासियो को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि देश के प्रति हमारी जो प्रतिबद्धता है, वो पिंक पेपर के एडिटोरिएल के लिए सीमीत नहीं है. हमारे रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता चार दिन की वाह-वाही के लिए नहीं है. हमारी रिफॉर्म की प्रक्रिया किसी मजबूरी में नहीं बल्कि देश को मजबूती देने के इरादे से हैं.'

ये भी पढ़ें: हमारे रिफॉर्म राजनीतिक मजबूरी नहीं, नेशन फर्स्ट के संकल्प से प्रेरित: लालकिले से बोले PM मोदी

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प्रधानमंत्री ने कहा,'मैं आज कह सकता हूं कि रिफॉर्म का हमारा मार्ग, एक प्रकार से ग्रोथ की ब्लूप्रिंट बनी हुई है. ये हमारा रिफॉर्म, ये ग्रोथ, ये बदलाव, ये सिर्फ विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय नहीं है. साथियों हमने राजनीतिक मजबूरी के कारण नहीं किया है. हम जो भी कर रहे हैं, वो राजनीति का गुणा भागा करके नहीं सोचते हैं. हमारा एक ही संकल्प होता है नेशन फर्स्ट. नेशन फर्स्ट, राष्ट्रहित सुप्रीम, ये मेरा भारत महान बने इसी संकल्प को लेकर हम कदम उठाते हैं. जब रिफॉर्म की बात आती है तो एक लंबा परिवेश है. अगर मैं उसकी चर्चा में चला जाऊंगा तो शायद घंटों निकल जाएंगे. बैंकिंग क्षेत्र में हुए सुधार इसका एक उदाहरण हैं. हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक सुधार किए हैं.'

देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं

प्रधानमंत्री ने कहा किही में प्राकृतिक आपदाओं के उभरने से हम सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं. मैं प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं और उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्र उनके साथ खड़ा है.

पीएम मोदी ने कहा, 'आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं. वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं.'

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