
कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार लगातार किसानों से बात करने में लगी हुई है. कृषि मंत्री बोले कि हमने किसान संगठनों के साथ 12 बार बात की, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा और बार-बार यही कहा है कि आप क्या बदलाव चाहते हैं वो हमें बता दीजिए. हमने उनकी भावना को समझते हुए सभी शंकाओं का समाधान देने की कोशिश की. हमने लगातार उन्हें नया प्रस्ताव देने की बात कही. इसके साथ ही हमने यह भी कहा कि अगर हमारी सरकार कानून में बदलाव कर रही है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि कृषि कानून गलत है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सिर्फ एक राज्य के किसानों को बरगलाया जा रहा है, किसानों को डराया जा रहा है. खेती पानी से होती है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस ही है जो खून से खेती कर सकती है. केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसके मुताबिक किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से अलग हो सकता है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार ने काम किया और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा. करीब दस करोड़ से अधिक किसानों को 1.15 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में भेजा गया है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि खेती पानी से होती है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस ही है जो खून से खेती कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी ऐसा नहीं कर सकती. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है. लेकिन इन कानूनों में 'काला' क्या है, कोई ये भी बताए.
कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा. अगर APMC के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का एक्ट राज्य सरकार के टैक्स को खत्म करता है, लेकिन राज्य सरकार का कानून टैक्स देने की बात करता है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो टैक्स लेना चाह रहा है, आंदोलन उनके खिलाफ होना चाहिए लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है.