
मुजफ्फरनगर की एक अदालत में 20 साल पुराने हत्या के एक मामले में किसान नेता नरेश टिकैत को बरी कर दिया था. लेकिन इस फैसले के लगभग एक महीने के भीतर ही जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की सिफारिश की है.
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने इस साल 17 जुलाई को नरेश टिकैत को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. टिकैत पर 2003 में किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह की हत्या का आरोप है. सहायक सरकारी वकील अमित कुमार त्यागी ने बताया कि जिला प्रशासन ने नरेश टिकैत को बरी करने के स्थानीय अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देने की राज्य सरकार को सिफारिश की.
क्या है मामला?
राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष सिंह को छह सितंबर 2003 को मुजफ्फरनगर के बौरखलान पुलिस थाने के तहत अहलावलपुर गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने मृतक किसान नेता के बेटे योगराज सिंह की शिकायत पर तीन लोगों नरेश टिकैत, बिट्टू और प्रवीण के खिलाफ केस दर्ज किया था. बाद में मामले में जांच क्राइम ब्रांच-सीआईडी को सौंप दी गई थी. एजेंसी ने जांच के दौरान टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन कोर्ट ने टिकैत को समन भेजा था. मामले में दो अन्य आरोपियों बिट्टू और प्रवीण की मामले की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी.
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत बड़े किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के चार बेटों में से सबसे बड़े हैं. वह राकेश टिकैत के भाई हैं.