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'हम डरने वाले नहीं हैं' ,नेशनल हेराल्ड केस में ED की छापेमारी पर बोले Rahul Gandhi

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सख्ती बढ़ती जा रही है. जांच एजेंसी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान आया है. राहुल गांधी ने ईडी का कार्रवाई को डराने वाली रणनीति का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा है कि वो इस एक्शन से डरने वाले नहीं है. बता दें कि ईडी इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ कर चुकी है.

राहुल गांधी (File Photo) राहुल गांधी (File Photo)
अमित भारद्वाज/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सख्ती और छापेमारी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान आया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि ईडी के जरिए नेशनल हेराल्ड की जांच डराने वाली रणनीति का हिस्सा है. लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि हम नरेंद्र मोदी से नहीं डरते हैं. उनको जो करना है, कर लें. वो सोचते हैं कि दबाव डालकर हमें चुप किया जा सकता है. लेकिन हम पर कुछ फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि देश की रक्षा करने, लोकतंत्र की रक्षा करने, देश में भाईचारे को कायम रखने के लिए काम करते रहेंगे.

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राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी जी और अमित शाह जो देश में कर रहे हैं, वह लोकतंत्र के खिलाफ है. हम इसके विरोध में खड़े रहेंगे. राहुल ने कहा कि भागने की बात वो लोग कर रहे हैं. हमारा काम देश की रक्षा करना, लोकतंत्र की रक्षा करना हैं. देश में एकता को कायम रखना है और वो हम करते रहेंगे.

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ के बाद ईडी नेशनल हेराल्ड केस में लगातार छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में 3 अगस्त को यंग इंडियन का दफ्तर सील कर दिया गया था. यह दफ्तर हेराल्ड हाउस के परिसर में ही है.

यंग इंडियन का दफ्तर सील होने के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें जयराम रमेश, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल हुए थे. उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घरों को पुलिस ने घेर लिया था. 

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अजय माकन ने आरोप लगाया था कि 5 अगस्त को कांग्रेस महंगाई के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाली थी. इसके बाद ही कांग्रेस मुख्यालय और राहुल-सोनिया के घरों को पुलिस ने घेर लिया.

प्रेस कांफ्रेंस में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि केंद्र सरकार चाहती है कि महंगाई की बात ना हो. भय का माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी, कांग्रेस पार्टी के साथ आतंकी के तरह ट्रीट किया जा रहा है.

इससे पहले ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में 2 अगस्त को दिल्ली और कोलकाता समेत 12 जगहों पर छापेमारी की थी. ईडी ने दिल्ली स्थित National Herald के दफ्तर पर भी छापेमारी की थी. ईडी चौथी मंजिल पर स्थित पब्लिकेशन ऑफिस पहुंची थी.

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

आरोप है कि नेशनल हेराल्ड, AJL (एसोसिएटिड जर्नल लिमिटिड) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटिड के बीच वित्तीय गड़बड़ियां हुईं. नेशनल हेराल्ड एक अखबार था, जिसको जवाहर लाल नेहरू ने 500 स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर शुरू किया था. इसमें ब्रिटिश के अत्याचारों के बारे में लिखा जाता था.

वहीं Associated Journals Limited एक पब्लिशर था. यह 20 नवंबर 1937 को अस्तित्व में आया था. उस वक्त यह तीन अखबारों को प्रकाशित करता था. इसमें नेशनल हेराल्ड (इंग्लिश), नवजीवन (हिंदी) एंड क़ौमी आवाज़ (उर्दू) शामिल था. फिर 1960 के बाद AJL वित्तीय दिक्कतों से जूझने लगा. इसपर कांग्रेस पार्टी मदद के लिए आगे आई और AJL को बिना ब्याज वाला लोन दिया.

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अप्रैल 2008 में AJL ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया. फिर 2010 में पता चला कि AJL को कांग्रेस पार्टी का 90.21 करोड़ रुपये कर्ज चुकाना है. इसी बीच 2010 में ही 23 नवंबर को Young Indian Private Limited नाम से कंपनी बनती है. इसके दो पार्टनर थे. पहला सुमन दुबे और दूसरे सैम पित्रोदा. इस कंपनी को नॉन प्रोफिट कंपनी बताकर रजिस्टर कराया गया था. फिर अगले महीने दिसंबर की 13 तारीख को राहुल गांधी को इस कंपनी में डायरेक्टर बनाया जाता है. फिर कुछ दिनों बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने AJL के सभी ऋणों को यंग इंडियन को ट्रांसफर करने पर सहमति व्यक्त करती है.

जनवरी 2011 में सोनिया गांधी ने यंग इंडियन के डायरेक्टर का पदभार ग्रहण किया. इस समय तक सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया के 36 प्रतिशत शेयरों पर नियंत्रण कर लिया था. बाद में कानूनी दिक्कत तब शुरू हुई जब अगले महीने यंग इंडियन (YI) ने कोलकाता स्थित आरपीजी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से 1 करोड़ रुपए का ऋण लिया. डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को अब एक फर्जी कंपनी बताया जाता है. कुछ दिनों बाद ही AJL के पूरे शेयर होल्डर YI को 90 करोड़ AJL ऋण के एवज में ट्रांसफर कर दी गई.

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इनकम टैक्स विभाग का आरोप है कि गांधी परिवार के स्वामित्व वाली यंग इंडियन ने AJL की प्रोपर्टी जिसकी कीमत 800 से 2 हजार करोड़ के बीच है, उसपर सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके हक जमा लिया या कब्जा कर लिया. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि Young Indian Private Limited कंपनी एक्ट के सेक्शन 25 के तहत रजिस्टर है.

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