Advertisement

नेशनल हेराल्ड केस: यंग इंडियन का दफ्तर सील, सोनिया और राहुल के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई

नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले महीने ED ने कांग्रेस पार्टी की आलाकमान सोनिया गांधी से पूछताछ की थी. सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने देश भर में धरना दिया था. इससे पहले राहुल गांधी से भी ईडी ने पांच दिनों तक पूछताछ की थी. 

ईडी ने सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद लिया एक्शन (फाइल फोटो) ईडी ने सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद लिया एक्शन (फाइल फोटो)
श्रेया चटर्जी/सुप्रिया भारद्वाज/मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दिल्ली में यंग इंडियन के कार्यालय को सील कर दिया. साथ ही ईडी ने निर्देश दिया कि एजेंसी की अनुमति के लिए बिना परिसर न खोला जाए. 

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी की 2 अगस्त को हुई छापेमारी में सबूतों को इकट्ठा नहीं किया जा सका था, इसलिए सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए यंग इंडियन के दफ्तार को अस्थायी रूप से सील किया गया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हेराल्ड के कार्यालय के सभी हिस्से खुले रहेंगे.

Advertisement

कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

वहीं ईडी की कार्रवाई के बाद दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर के बाहर और AICC मुख्यालय के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक उन्हें कुछ इनपुट्स मिले हैं कि कांग्रेस मुख्यालय के बाहर या लुटियंस दिल्ली इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा बड़ा पर्दशन हो सकता है इसलिए ऐतिहातन फोर्स तैनात की गई है.

2 अगस्त को ईडी ने 12 ठिकानों पर मारे थे छापे

ईडी ने मंगलवार को सोनिया गांधी-राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडियन के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े दिल्ली और कोलकाता समेत देशभर के 12 ठिकानों पर छापा मारा. उसने दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस में भी छानबीन की थी. 

जानकारी सामने आई कि ईडी ने हेराल्ड हाउस की चौथी मंजिल पर छानबीन की. यहां नेशनल हेराल्ड का पब्लिकेशन ऑफिस है. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हेराल्ड हाउस पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन भी किया. 

Advertisement

सच की आवाज पुलिसिया पहरों से नहीं डरेगी

यंग इंडियन का ऑफिस सील करने के बाद कांग्रेस ट्वीट किया,'' सत्य की आवाज नहीं डरेगी पुलिसिया पहरों से. गांधी के अनुयायी लड़ के जीतेंगे इन अंधेरों से. नेशनल हेराल्ड का ऑफिस सील करना, कांग्रेस मुख्यालय को पुलिस पहरे में कैद करना तानाशाह की डर और बौखलाहट दोनों दिखाता है लेकिन महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल तो फिर भी पूछे जाएंगे.

कांग्रेस मुख्यालय में बुलाई बैठक

वहीं ईडी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने पार्टी मुख्यालय में सभी वरिष्ठ नेताओं की शाम सात बजे एक बैठक बुला ली है. बैठक में शामिल होने के लिए खड़गे, चिदंबरम, प्रमोद तिवारी समेत कई बड़े नेता पहुंच गए हैं.

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला? 

Associated Journals Limited (AJL) एक पब्लिशर था. यह 20 नवंबर 1937 को अस्तित्व में आया था. उस वक्त यह तीन अखबारों को प्रकाशित करता था. इसमें नेशनल हेराल्ड (इंग्लिश), नवजीवन (हिंदी) और क़ौमी आवाज़ (उर्दू) शामिल था. 

1960 के बाद AJL वित्तीय दिक्कतों से जूझने लगा. इसपर कांग्रेस पार्टी मदद के लिए आगे आई और AJL को बिना ब्याज वाला लोन दिया. फिर अप्रैल 2008 में AJL ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया. फिर 2010 में पता चला कि AJL को कांग्रेस पार्टी का 90.21 करोड़ रुपये कर्ज चुकाना है.

Advertisement

इसी बीच 2010 में ही 23 नवंबर को Young Indian Private Limited नाम से कंपनी बनती है. इसके दो पार्टनर थे. पहला सुमन दुबे और दूसरे सैम पित्रोदा. इस कंपनी को नॉन प्रोफिट कंपनी बताकर रजिस्टर कराया गया था. फिर अगले महीने दिसंबर की 13 तारीख को राहुल गांधी को इस कंपनी में डायरेक्टर बनाया जाता है. फिर कुछ दिनों बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने AJL के सभी ऋणों को यंग इंडियन को ट्रांसफर करने पर सहमति व्यक्त करती है. 

इसके बाद जनवरी 2011 में सोनिया गांधी ने यंग इंडियन के डायरेक्टर का पदभार ग्रहण किया. इस समय तक सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन के 36 प्रतिशत शेयरों पर नियंत्रण कर लिया था.

बाद में कानूनी दिक्कत तब शुरू हुई जब अगले महीने यंग इंडियन (YI) ने कोलकाता स्थित आरपीजी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से 1 करोड़ रुपए का ऋण लिया. डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को अब एक फर्जी कंपनी बताया जाता है. इसके कुछ दिनों बाद ही AJL के पूरे शेयर होल्डर YI को 90 करोड़ AJL ऋण के एवज में ट्रांसफर कर दी गई.

इनकम टैक्स विभाग का आरोप है कि गांधी परिवार के स्वामित्व वाली यंग इंडियन ने AJL की प्रोपर्टी जिसकी कीमत 800 से 2 हजार करोड़ के बीच है, उसपर सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके हक जमा लिया या कब्जा कर लिया. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि Young Indian Private Limited कंपनी एक्ट के सेक्शन 25 के तहत रजिस्टर है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement