Advertisement

पीएम मोदी की अपील पर किसान आज करेंगे बैठक, कृषि मंत्री की चिट्ठी पर भी लेंगे फैसला

किसानों के नेशनल मोर्चा की शुक्रवार को कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई. नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगा. हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली में कर रहे प्रदर्शन (सांकेतिक-पीटीआई) कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली में कर रहे प्रदर्शन (सांकेतिक-पीटीआई)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:29 AM IST
  • कुछ दल किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहेः मोदी
  • नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगा
  • कृषि मंत्रालय ने समाधान के लिए किसानों को फिर लिखी चिट्ठी
  • समस्या को हल करने को सरकार राजी नहींः एआईकेएससीसी

किसान संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी को लेकर प्रतिक्रिया देने के लिए आज शनिवार को बैठक करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है और आंदोलन को मुद्दे से भटकाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक किसानों के नेशनल मोर्चे की शुक्रवार को कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई. नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा आज शनिवार को बैठक करेगा. हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है. किसान संयुक्त मोर्चा में देशभर की 40 किसान यूनियनें शामिल हैं. पंजाब के 36 संगठनों ने शुक्रवार को बैठक की.

Advertisement

हमारी मांगें नहीं पढ़ रही सरकारः एआईकेएससीसी

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने आज शुक्रवार को कहा कि सरकार जानबूझकर किसानों की ‘तीन कानून और बिजली बिल’ वापसी की मांग को ‘नहीं पढ़ रही’ और वह ‘अन्य मुद्दों’ की मांग कर रही है.  किसानों के जवाब में स्पष्ट लिखा था कि सवाल कानून वापसी का है, सुधार का नहीं है.

एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप ने सरकार द्वारा किसानों की ‘तीन कृषि कानून’ और ‘बिजली बिल 2020’ को रद्द करने की मांग को पहचानने तक से इंकार करने की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार इसे हल नहीं करना चाहती. 24 दिसंबर को सरकार के पत्र में ‘3 दिसंबर की वार्ता में चिन्हित मुद्दों’ का बार-बार हवाला है, जिन्हें सरकार कहती है, उसने हल कर दिया है और वह उन ‘अन्य मुद्दों’ की मांग कर रही है, जिन पर किसान चर्चा करना चाहते हैं. सरकार ने जानबूझकर उनकी मांग को नजरंदाज किया. पिछले 7 माह से चल रहे संघर्ष, जिसमें 2 लाख से अधिक किसान पिछले 29 दिन से अनिश्चित धरने पर बैठे हैं, लेकिन समस्या को हल करने को सरकार राजी नहीं है.

Advertisement

सरकार के प्रस्ताव पर एआईकेएससीसी ने कहा कि सरकार का प्रस्ताव बंद दिमाग के साथ शर्तों के साथ है. किसानों को वार्ता से इंकार नहीं है. किसान जल्दी में नहीं, जब तक सरकार न सुने यहीं डटे रहेंगे. 

एआईकेएससीसी ने 26 दिसंबर को ‘धिक्कार दिवस’ और ‘कॉरपोरेट बहिष्कार’ करने की अपील की है. साथ ही 200 से ज्यादा जिलों में विरोध कार्यक्रम और स्थायी धरने जारी रहेगा. यही नहीं 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण के समय ‘थाली पीटेंगे’. एआईकेएससीसी ने हरियाणा में 13 किसानों द्वारा मुख्यमंत्री का विरोध करने पर 307 के केस की निंदा की है.

हमारी सरकार ने खेती को आसान कियाः पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आज शुक्रवार को किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त जारी की गई जिसमें 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को बदनाम कर कुछ लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं. पहले की सरकारों की नीति के कारण वो किसान बर्बाद हुआ, जिसके पास कम जमीन थी.

कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने आधुनिक खेती को लेकर बल दिया. हमारा फोकस किसानों के खर्च को कम करने पर किया गया. पीएम फसल बीमा योजना, किसान कार्ड, सम्मान निधि योजना की मदद से खेती को आसान किया गया है. 

Advertisement

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और किसानों को नए कृषि कानून के मसले पर गुमराह करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने आज अपने भाषण में कहा, 'मैं हैरान हूं और बेहद तकलीफ के साथ कहना चाहता हूं कि जो बंगाल पर सर्वोच्च शासन करते थे, वे ममता बनर्जी के 15 साल पुराने भाषण सुनें. आप जान जाएंगे कि किस तरह राजनीति ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. उन्होंने किसानों को पैसा नहीं दिया. अगर आप किसानों को दिल में रखते हैं तो आपने उनके लिए आंदोलन क्यों नहीं किया? आवाज क्यों नहीं उठाई? और आप उनके लिए पंजाब पहुंच गए.'

पीएम मोदी ने टोल नाकों को फ्री कराने का मुद्दा भी उठाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब आंदोलन शुरू हुआ तो उनकी मांग थी कि MSP की गारंटी होनी चाहिए. अब ये आंदोलन भटक गया, ये लोग कुछ लोगों के पोस्टर लगाकर उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं.’ 

कृषि मंत्रालय की चिट्ठी

पीएम मोदी ने एक बार फिर कहा कि सरकार हर विषय पर बात करने को तैयार है. जो लोग लोकतंत्र को नहीं मानते हैं, वही आज किसानों को गलत भाषा का प्रयोग करके बरगला रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 2,500 किसान चौपालों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने नौ करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

इस बीच किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर किसानों को एक चिट्ठी लिखी और फिर से बातचीत का न्योता दिया. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून को लेकर 6 से अधिक राउंड की बातचीत हो चुकी है. लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी. सरकार फिर चर्चा को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगी है.

कृषि मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फिर से किसानों को चिट्ठी लिखी गई, इसमें कहा गया कि किसान संगठनों द्वारा सभी मुद्दों का तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. चिट्ठी में बीते दिनों लिखित संशोधन प्रस्ताव का जिक्र किया गया है, साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम पर सफाई दी.

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, जिन विषयों को किसान संगठनों ने उठाया उसी का जवाब लिखित में दिया गया, लेकिन अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement