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अब दिल्ली के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण भी होगा ध्वस्त! जानिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत क्या है योजना

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत, राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum) को साल के अंत तक खाली करने की योजना है. एक ऐसे स्थान की तलाश करने के निर्देश दिये गए हैं, जहां इन कलाकृतियों को सुरक्षित और उपयुक्त तरीके से रखा जा सकता है.

राष्ट्रीय संग्रहालय को साल के अंत तक खाली किये जाने की संभावना राष्ट्रीय संग्रहालय को साल के अंत तक खाली किये जाने की संभावना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

प्राचीन कलाकृतियों को संगृहीत कर रखने वाले दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत इस साल के अंत में खाली किये जाने की संभावना है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि 60 साल से अधिक पुरानी इमारत को बरकरार रखा जाएगा, या वहां मौजूद वस्तुओं एवं कलाकृतियों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के बाद इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा.

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इस साल के अंत तक होगा खाली

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, 'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में, इस साल के अंत तक राष्ट्रीय संग्रहालय को खाली करने की योजना है. ऐसी जगह की तलाश करने के निर्देश दिए गए हैं जहां जहां इन कलाकृतियों को सुरक्षित और उचित तरीके से स्थानांतरित किया जा सके.' कलाकृतियों के संग्रह को प्रस्तावित युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा जाएगा, जो रायसीना हिल परिसर के नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में स्थित होगा.

नेहरू ने रखी थी वर्तमान भवन की नींव

हालांकि, जब तक नया संग्रहालय स्थान तैयार नहीं हो जाता, तब तक राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्रह को कहीं और स्थानांतरित करना होगा. सूत्रों के मुताबिक, यदि कोई नई उपयुक्त जगह नहीं मिलती है, तो वैकल्पिक स्थान मिलने तक 'संग्रहालय आगंतुकों और प्रबुद्धजनों के लिए बंद हो सकता है.' वर्तमान में, लगभग 10 प्रतिशत वस्तुएं ही प्रदर्शनी के लिए रखी गई हैं, और शेष वस्तुएं भंडार में हैं. वर्तमान भवन की नींव 12 मई 1955 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी.

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राष्ट्रीय संग्रहालय भवन के पहले चरण का औपचारिक उद्घाटन 18 दिसंबर, 1960 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा किया गया था. दूसरा चरण 1989 में पूरा हुआ था. जनपथ पर स्थित 35,000 वर्ग मीटर के संग्रहालय में वर्तमान में भारतीय और विदेशी, दोनों तरह और विविध प्रकार की लगभग 2,00,000 वस्तुएं हैं.  यहां मौजूद संपत्ति भारतीय सांस्कृतिक विरासत के पांच हजार साल से अधिक के समय को कवर करती है.

नई इमारत में होंगे 950 कमरे

राष्ट्रीय संग्रहालय की शुरुआत में 1957 तक इसकी देखभाल पुरातत्व महानिदेशक द्वारा की जाती थी. इसके बाद भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसे एक अलग संस्थान घोषित किया और इसे अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में ले लिया. वर्तमान में, राष्ट्रीय संग्रहालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यह संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 मई को आगामी युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय का एक वर्चुअल वॉकथ्रू लॉन्च किया था, जिसमें आठ विषयगत खंड होंगे जो 5,000 वर्षों से अधिक के भारत की कहानी बताएंगे. नया संग्रहालय 1.17 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र को कवर करेगा जिसमें 950 कमरे एक बेसमेंट, ग्राउंड होगा.

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