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'हत्या से गंभीर है राष्ट्रीय सुरक्षा...', HC ने खारिज की ISI को दस्तावेज भेजने वाले ब्रह्मोस इंजीनियर की याचिका

पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर पर पाकिस्तान की ISI को संवेदनशील तकनीकी जानकारी लीक करने का आरोप था. नागपुर में कंपनी के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान अनुभाग में कार्यरत अग्रवाल को 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद निरोधी दस्तों (एटीएस) द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था.

बॉम्बे HC ने पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर की जमानत याचिका ठुकराई. बॉम्बे HC ने पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर की जमानत याचिका ठुकराई.
विद्या
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने मंगलवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व इंजीनियर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करने से इनकार करते हुए कहा कि 'जब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला सामने आता है, तो यह हत्याओं के मामलों की तुलना में अधिक गंभीर होता है, ऐसे में हम राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते.'

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जानें क्या है मामला

जस्टिस विनय जोशी और वृषाली जोशी की बेंच पूर्व  ब्रह्मोस इंजीनियर निशांत अग्रवाल की जमानत याचिका की सुनवाई कर रही थी. निशांत को नागपुर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अग्रवाल पर 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है. इस सजा के खिलाफ अग्रवाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिसमें उसने सजा निलंबित करने और जमानत की मांग की गई थी.

कोर्ट ने जमानत से किया इनकार

हाईकोर्ट ने कहा कि मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, जिसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए, अपराध का प्रभाव राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी सबूतों की समीक्षा के बाद ये फैसला सुनाया है. ऐसे में इस याचिका पर कोई विचार नहीं किया जा सकता है.

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पाकिस्तान भेजे थे कई गोपनीय दस्तावेज

बता दें कि नागपुर जिला न्यायालय ने निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. निशांत अग्रवाल पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. नागपुर में कंपनी के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान अनुभाग में कार्यरत अग्रवाल को 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद निरोधी दस्तों (एटीएस) द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था. 

पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर पर भारतीय दंड संहिता और कड़े OSA के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसने चार साल तक ब्रह्मोस सुविधा में काम किया था और उन पर पाकिस्तान की इंटर,सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को संवेदनशील तकनीकी जानकारी लीक करने का आरोप था.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के सैन्य औद्योगिक संघ (NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया) के बीच एक संयुक्त उद्यम है.

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