
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज रविवार को राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को तुरंत हटाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि देशमुख पर लगे आरोप गंभीर हैं लेकिन उनके इस्तीफे पर विचार मुख्यमंत्री करेंगे. साथ ही यह भी कहा कि इस प्रकरण से सरकार की छवि पर असर नहीं पड़ेगा.
शरद पवार ने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं. देशमुख पर आरोप तो लगे लेकिन प्रमाण नहीं दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में यह नहीं कहा गया है कि पैसा किसके पास गया. साथ ही पत्र पर परमबीर सिंह के दस्तखत नहीं हैं.
एनसीपी प्रमुख ने आज अपनी पीसी में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली वाले आरोप को गंभीर बताया. लेकिन सचिन वाजे की बहाली पर कहा कि एपीआई सचिन वाजे की बहाली मुख्यमंत्री ने नहीं बल्कि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी.
सरकार की छवि पर असर नहींः पवार
शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास फैसला लेने का अधिकार है. उन्होंने कमिश्नर रहते गृह मंत्री पर आरोप नहीं लगाया. इस संबंध में जांच के बाद ही मुख्यमंत्री कोई फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि इस आरोप की वजह से सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है.
एक सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा कि अनिल देशमुख के बारे में अगले एक-दो दिन में फैसला लिया जा सकता है. सीएम और एनसीपी नेताओं के साथ बातचीत के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. हालांकि उन्होंने इस प्रकरण की जूलियो रिबेरो से इसकी जांच कराई जाए. जूलियो रिबेरो महाराष्ट्र के चर्चित और बेदाग छवि वाले पुलिस अफसर रहे हैं.
इससे पहले एंटीलिया केस में पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि सचिन वाजे को किसके दबाव में लाया गया. शिवसेना के, सीएम के या फिर शरद पवार के?
केंद्रीय जांच एजेंसी करे जांचः राज ठाकरे
दूसरी ओर,एंटीलिया मामले की सीएम उद्धव ठाकरे के भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि इस मामले की जांच करना राज्य सरकार के बस की बात नहीं है. इस मामले में केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि एक बार केंद्रीय जांच एजेंसी के हाथ में जांच जाएगी तो कई नाम सामने आएंगे.
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि देश के इतिहास में पहले ऐसा कभी हुआ होगा जब गृह मंत्री पर ऐसे आरोप लगे हों. इस मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह भी शामिल थे तो उनकी भी जांच की जानी चाहिए थी. उनका तबादला क्यों किया गया?
मेल आई-डी भी मेरी हीः परमबीर सिंह
वहीं, मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आजतक/इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी सही है और वो चिट्ठी खुद मैंने ही भेजी है. जिस मेल के जरिए लेटर भेजा गया है वो मेल आई-डी भी मेरी ही है.
बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आरापों से इनकार कर दिया है और उनपर मानहानि करने की भी बात कही है. इस सवाल पर परमबीर सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.