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NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज, श्रीराम को लेकर दिया था विवादित बयान

NCP नेता जितेंद्र आव्हाड मुश्किल में फंस गए हैं. पुणे शहर बीजेपी अध्यक्ष धीरज घाटे ने खुद जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. श्रीराम को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर आव्हाड के खिलाफ धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी ने गुरुवार को आव्हाड खिलाफ प्रदर्शन किया था.

NCP नेता जितेंद्र आव्हाड (फाइल फोटो) NCP नेता जितेंद्र आव्हाड (फाइल फोटो)
पंकज खेळकर
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ पुणे में मामला दर्ज किया गया है. विश्राम बाग थाने में श्रीराम के खिलाफ हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में केस दर्ज किया गया है. पुणे शहर बीजेपी अध्यक्ष धीरज घाटे ने खुद जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. श्रीराम को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर आव्हाड के खिलाफ धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी ने गुरुवार को आव्हाड खिलाफ प्रदर्शन किया था.

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बता दें कि शरद पवार गुट के एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था. जितेंद्र आव्हाड ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि राम हमारे हैं और वह बहुजन हैं. राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे. वे शिकार करके खाते थे. उनके इस बयान को लेकर बीजेपी और अजित गुट के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी. अजित गुट की एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में आव्हाड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

दरअसल, जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि आप चाहते हैं कि हम शाकाहारी बन जाएं, लेकिन हम राम को अपना आदर्श मानते हैं और मटन खाते हैं. यह राम का आदर्श है. वह शाकाहारी नहीं बल्कि मांसाहारी थे. 14 साल तक जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजन की तलाश में कहां जाएगा? ये सही या गलत? मैं हमेशा सही कहता हूं.

हालांकि अपने बयान के बाद, लगातार विवाद बढ़ते देख, NCP विधायक जितेंद्र आव्हाड ने माफी भी मांग ली थी. उन्होंने कहा था कि कभी-कभी गलती हो जाती है. अपने बयान पर माफी मांगते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि वह इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहते थे. लेकिन वाल्मिकी रामायण में कई कांड हैं, जिनमें अयोध्या कांड भी है. इसमें श्लोक नंबर 102 है, जिसमें इसका जिक्र है. आव्हाड ने कहा,'मैं बिना रिसर्च कुछ नहीं बोलता. मैं मुद्दे को तूल नहीं देना चाहता, लेकिन अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं. मैं खेद व्यक्त करता हूं. कभी-कभी गलती हो जाती है.

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