
लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और विपक्षी इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc) के बीच आम सहमति नहीं बनने के बाद दोनों गठबंधनों ने अलग-अलग उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. लोकसभा अध्यक्ष पद के विवाद पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं, अगर वे उपसभापति का पद देने के लिए तैयार हैं, तो हम एनडीए के उम्मीदवार को सर्वसम्मति से चुनने के लिए तैयार हैं. हम सरकार की ओर से सुझाए गए अध्यक्ष का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें विपक्ष का भी सम्मान करना चाहिए.
कुछ वर्षों से उपाध्यक्ष विपक्ष से होता है: केसी वेणुगोपाल
केसी वेणुगोपाल ने कहा, हमने पिछले कुछ वर्षों से देखा है कि अध्यक्ष सरकार की ओर से होंगे और उपाध्यक्ष विपक्ष से होंगे. राजनाथ सिंह ने कल मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम आपके उम्मीदवार का समर्थन करने में खुश हैं, लेकिन हम उपाध्यक्ष का पद चाहते हैं, जिस पर राजनाथ सिंह ने उनसे कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद जवाब देंगे.
इन नेताओं के दौर में डिप्टी स्पीकर विपक्ष से होता था: जयराम रमेश
वहीं, इस मसले पर कांग्रेंस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र इस भरोसे पर चलता है कि सत्तारूढ़ दल क्या कहता है, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह जो करता है उसमें कितना विश्वास झलकता है. उन्होंने कहा कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को 17वीं लोकसभा (2019-2024) बिना डिप्टी स्पीकर के चलाने को मिला. ऐसा होना अभूतपूर्व था. 16वीं लोकसभा (2014-2019) में उन्होंने यह पद अपने एक गुप्त सहयोगी को दे दिया था. उससे पहले के वर्षो में डॉ. मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव के शासनकाल के दौरान डिप्टी स्पीकर एक विपक्षी सांसद हुआ करते थे.
जयराम ने कहा कि INDIA गठबंधन का ऑफर बहुत ही सीधा और सरल था. हम स्पीकर के लिए भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर INDIA गठबंधन का होना चाहिए. संसदीय परंपराओं को ध्यान में रखते हुए यह पूरी तरह से वैध प्रस्ताव था. इसके जवाब में सत्तारूढ़ दल ने कहा कि 'अभी हमें स्पीकर के लिए समर्थन दीजिए और हम बाद में डिप्टी स्पीकर पर चर्चा करेंगे.' यह नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए अस्वीकार्य था.