
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अब टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुके नीरज चोपड़ा का भी साथ मिला है. नीरज चोपड़ा ने कहा कि एथलीट्स को इस तरह सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करते हुए देखना दुखद है. इससे पहले, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने भी पहलवानों का समर्थन किया था.
नीरज चोपड़ा ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, 'न्याय की मांग को लेकर हमारे खिलाड़ी सड़क पर हैं, यह देखकर मुझे दुख होता है. हमारे महान देश का प्रतिनिधित्व करने और गौरवान्वित महसूस कराने के लिए इन खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की है. एक देश के रूप में हम अखंडता की रक्षा और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के लिए जिम्मेदार है, चाहे वो एथलीट हो या नहीं. जो हो रहा है, यह कभी नहीं होना चाहिए. यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसका हल निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए. न्याय सुनिश्चित कराने के लिए ऊपर बैठे लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए.'
इससे पहले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए ट्वीट किया और लिखा, 'खिलाड़ी के रूप में, हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं. भारतीय कुश्ती प्रशासन में उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में हमारे एथलीटों को सड़कों पर उतरकर विरोध करना बहुत ही चिंताजनक है. मैं उन सबके साथ हूं जो यहां प्रभावित हुए हैं. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मुद्दे का हल सही तरह से निकाला जाए और एथलीटों की चिंताओं को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से सुना जाए... हमें सभी एथलीटों के विकास के लिए एक सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल तैयार करने की दिशा में काम करना चाहिए. '
- पहलवानों की मांग है कि WFI के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.
- पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इसे लेकर दिल्ली के कनॉट पैलेस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है.
- जनवरी माह के दौरान पहलवानों ने कुश्ती संघ को भंग करने की मांग की थी.
-भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की थी. मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली इस समीति में अलकनंदा अशोक के अलावा डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल थे. समीति ने अप्रैल पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
कुश्ती के ये दिग्गज इतने आक्रोशित होकर जंतर-मंतर पर क्यों बैठे थे? वह किस न्याय की बात कर रहे हैं और किस तरह के आरोप किस शख्स पर लगा रहे हैं, ये जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे चलकर देखना होगा. बात है 18 जनवरी 2023 की. नए साल की शुरुआत हुए कुछ ही दिन बीते थे कि कुश्ती संघ और पहलवानों का ये विवाद सामने आया था. जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान इकट्ठा हुए थे. उस दिन भी शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके WIF अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. पहले नजर डालते हैं कि आरोप क्या थे.
यह भी पढ़िएः यौन उत्पीड़न, जान से मारने की धमकी... रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया के सनसनीखेज आरोप
पहला आरोप: यौन शोषण
रेसलर विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. उन्होंने कहा था, 'मैं खुद महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं." उन्होंने कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए. फोगाट ने आगे कहा- 'जब हाई कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे. हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं. जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा.'
दूसरा आरोप: सिर्फ लखनऊ में कैंप क्यों लगता है?
कुश्ती खिलाड़ियों का आरोप है कि वो भारत का नाम रोशन करके दुनिया में आते हैं, लेकिन देश में ही भारतीय कुश्ती संघ की तानाशाही के आगे उन्हें अपमानित होना पड़ता है. एक और भारतीय पहलवान ने कहा था कि 'जबसे अध्यक्ष जी हैं, लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है.'
तीसरा आरोप: अपशब्दों का प्रयोग, गाली भी दी
पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी गई थी. पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, हम यहां खेलने आए हैं. वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं.
चौथा आरोप: मेंटली टॉर्चर किया गया
विनेश फोगाट का कहना था कि घायल होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. नेशनल ना खेलने की बात करते हैं. विनेश ने रोते हुए कहा कि अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का बोला था. फेडरेशन ने मुझे मेंटली टॉर्चर किया. मैं इसके बाद सुसाइड करने की सोच रही थी. बजरंग पूनिया ने कहा था कि महासंघ द्वारा हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. फेडरेशन द्वारा एक दिन पहले ही नियम बना लिए जाते हैं. सारी भूमिका प्रेसिडेंट निभा रहे हैं. प्रेसिडेंट हमसे गाली-गलौज करते हैं. प्लेयर्स को थप्पड़ मार दिया था.
पांचवां आरोप: निजी जीवन में दखल, धमकी देना
फोगाट ने आगे कहा- वे (संघ) हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं. वे हमारा शोषण कर रहे हैं. जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था. जंतर मंतर के पहलवानों का कहना है कि जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है.