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NEET PG Counselling: सरकार से बातचीत के बाद भी नहीं माने रेजिडेंट डॉक्टर्स, रखी दो मांगें

Resident Doctors Protest NEET PG Counselling: नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देर को लेकर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने FORDA के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. हालांकि, इस बैठक के बाद भी डॉक्टर्स प्रदर्शन खत्म करने पर राजी नहीं हुए.

नीट पीजी की काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स. (फोटो-PTI) नीट पीजी की काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स. (फोटो-PTI)
अमित भारद्वाज/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST
  • नीट पीजी काउंसलिंग जल्द कराने की मांग
  • कई दिनों से जारी रेजिडेंट डॉक्टर्स का प्रदर्शन

Resident Doctors Protest NEET PG Counselling: नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. रेजिडेंट डॉक्टर्स फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं. 

दिल्ली में सोमवार को विरोध उस समय तेज हो गया जब रेजिडेंट डॉक्टर्स ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) के आवास की ओर मार्च किया और उनमें से कई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. FORDA ने दावा किया कि पुलिस ने डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की.

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मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने FORDA के प्रतिनिधियों को 'इमरजेंसी मीटिंग' के लिए बुलाया. हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टर इस बैठक से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने अपनी मांगें पूरी नहीं होने तक विरोध जारी रखने की बात कही.

इस मीटिंग के बाद FORDA ने एक बयान जारी कर बताया कि NEET PG Counselling में तेजी लाने के लिए बुलाए गए आंदोलन का आज (28 दिसंबर) 12वां दिन था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी मुद्दों को रखा गया था. हालांकि, सरकार की प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं थी.

बयान में आगे कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ बदसलूकी की और उनसे माफी नहीं मांगी. पुलिस ने विरोध कर रहे डॉक्टरों पर FIR भी दर्ज की. FORDA ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

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क्या है रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग?

FORDA के अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि सोमवार की घटना की लिखित माफी और नीट पीजी काउंसलिंग में तेजी लाई जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक में डॉक्टरों ने अपनी दो मांगें रखींः-

1. सोमवार को दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ कथित तौर से मारपीट की, उसके लिए लिखित माफी मांगी जाए.

2. नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी, इसका लिखित आश्वासन दिया जाए. इसके साथ ही नीट पीजी 2021 से जुड़े मामले को सुप्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक तरीके से निपटाया जाए.

सरकार ने क्या कहा?

- इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार की घटना पर दुख जताया. साथ ही ये भी आश्वासन दिया कि नीट पीजी काउंसलिंग के लिए अखिल भारतीय कोटा में EWS कोटा की समीक्षा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कमेटी गठित की गई थी, उसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में 6 जनवरी की सुनवाई से पहले पेश की जाएगी.

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मनसुख मांडविया ने कहा कि काउंसलिंग अभी नहीं हो सकती क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सरकार 6 जनवरी की सुनवाई से पहले कोर्ट को अपना जवाब सौंपेगी. उन्होंने कहा कि हम अदालत से सुनवाई में तेजी लाने का अनुरोध करेंगे ताकि जल्द से जल्द काउंसलिंग शुरू की जा सके.

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- सूत्रों ने बताया कि सरकार ने EWS कोटा पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 3 सदस्यों की समिति का गठन किया है. सरकार इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट को पेश कर सकती है.

सरकार से बातचीत के बाद भी खुश नहीं डॉक्टर्स

हालांकि, केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद भी डॉक्टर्स खुश नहीं हैं. डॉक्टर्स इस बैठक के नतीजे से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि सोमवार की घटना को लेकर दिल्ली पुलिस ने अभी तक माफी नहीं मांगी है. इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर FIR दर्ज करने से भी नाराजगी है.

क्या है पूरा विवाद?

- दरअसल, NEET PG काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सरकार ने NEET PG में 27% ओबीसी और 10% आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को देने का फैसला लिया था, जिसे कुछ मेडिकल छात्रों ने चुनौती दी है. छात्रों ने NEET PG में EWS और OBC वर्ग को आरक्षण की वैधता को चुनौती दी गई है. छात्रों का कहना है कि निम्न आय वर्ग की परिभाषा में 8 लाख रुपये तक सालाना आय के लोगों को रखना मनमाना फैसला है. इस मुद्दे पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. 

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- सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आखिरी सुनवाई 25 अक्टूबर को हुई थी. तब सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि फैसला होने तक काउंसलिंग नहीं होगी. साथ ही ये भी कहा था कि क्रीमी लेयर को बढ़ाने पर विचार कर रही है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला होने तक काउंसलिंग पर रोक लगा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी. 

 

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