
भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली. इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपना चर्चित संबोधन 'Tryst with Destiny' दिया था. लेकिन क्या ये वाकई उनके राष्ट्र के नाम पहले संबोधन का असली शीर्षक था. इस पूरी बात से पर्दा उठाया है कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने. उन्होंने आजादी की पूर्व संध्या पर जवाहर लाल नेहरू की हैंड राइटिंग वाला पूरा भाषण शेयर किया है.
जयराम रमेश ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया कि 75 साल पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आधी रात के कुछ देर बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपना कालजयी 'Tryst with Destiny' संबोधन दिया था. उन्होंने असल में ये भाषण 14 अगस्त 1947 को ही तैयार कर लिया था. उन्होंने अपने इस भाषण का शीर्षक 'date with destiny' रखा था, लेकिन सच्ची प्रतिभा ने उस पल में इसे tryst of destiny के तौर पर पढ़ा.
अपने इस ट्वीट के साथ जयराम रमेश देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की हैंड राइटिंग में मूल भाषण की कॉपी भी शेयर की है.
जवाहर लाल नेहरू की हस्त लिखित कॉपी उनके भाषण का पहला ड्राफ्ट है. इसमें कई सुधार हुए जिनके नोट दिखाई देते हैं. नेहरू ने अपने भाषण के इस पहले ड्राफ्ट की शुरुआत... कई साल पहले हमने एक तारीख के साथ किस्मत को बनाया था, से करते हैं. नेहरू आगे कहते हैं अब समय आ गया है जब हमें अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करना चाहिए.....आधी रात के इस पहर में जब दुनिया सो रही है, भारत अपने जीवन और आजादी के लिए उठेगा. हमारा एक मौका आया है, जो इतिहास में बहुत मुश्किल से आता है. ये वो मौका है तब हम पुराने से नए युग में कदम रखेंगे.
जयराम रमेश के इस ट्वीट को कई अन्य लोगों ने रीट्वीट किया है. कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के इस भाषण की तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के कालजयी Gettysburg Address से की है. उनका कहना है कि जल्दबाजी में लिखे गए कुछ शब्द सदियों तक संदेश देते है. नेहरू की प्रतिभा ने हर शब्द को रोशन किया.
एक अन्य यूजर ने Tryst शब्द का अर्थ समझाते हुए लिखा है कि इस एक शब्द का मतलब है India is LOVE.ये नेहरू की ही प्रतिभा थी कि उन्होंने भारत की आजादी के इस पल को इस शब्द से परिभाषित किया.