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कर्नाटक: मिड डे मील से अंडा और मीट बाहर करने का प्रस्ताव, NEP को लेकर आए कई सुझाव

कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लिए बनाई गई कमेटी ने एक प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया कि सरकारी स्कूलों में बांटे जाने वाले मिड डे मील से अंडा-मीट बाहर रखा जाए.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 14 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • कमेटी ने दिया प्रस्ताव
  • NEP 2020 पर आधारित है प्रस्ताव

कर्नाटक में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 को लेकर बनाए गए पैनल ने कई प्रस्ताव दिए हैं. इसमें कहा गया है कि अंडे और मीट को स्कूलों के मिड डे मील से बाहर रखा जाना चाहिए. इसके अलावा हिंदू नरसंहार को टेक्स्ट बुक में शामिल न किए जाने की मांग भी की गई है.

दरअसल, कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लिए बनाई गई कमेटी ने एक प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया कि सरकारी स्कूलों में बांटे जाने वाले मिड डे मील से अंडा-मीट बाहर रखा जाए. 

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प्रस्ताव में आगे कहा गया कि ऐसा करने पर छात्रों के बीच भेदभाव होगा. भारतीय लोगों के छोटे शरीर के फ्रेम को देखते हुए अंडे और मांस के नियमित सेवन से मिलने वाली अतिरिक्त ऊर्जा जीवन शैली से जुड़े विकारों को जन्म दे सकती है.  अंडे और मांस के नियमित सेवन से जीवनशैली संबंधी बीमारियां हो सकती हैं.

मोटापे के साथ बीमारियां भी रुकेंगी

प्रस्ताव के मुताबिक मिड डे मील में कम फैट और जीरो ट्रांस-फैट वाला भोजन शामिल किया जाना चाहिए. प्रस्ताव में अंडे के अलावा फ्लेवर्ड मिल्क और बिस्किट को भी न शामिल किए जाने की मांग की गई है. साथ ही कहा गयै है कि अतिरिक्त कैलोरी और फैट के कारण होने वाले मोटापे और हार्मोनल असंतुलन को रोका जाना चाहिए. 

हिंदू नरसंहार को इतिहास में शामिल करने की मांग

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पैनल ने सुझाव दिया है कि पाठ्य पुस्तक में हिंदू नरसंहार से संबंधित इतिहास शामिल किया जाना चाहिए. भारत में प्राथमिक बांझपन की समस्या बढ़ रही है. इस पर अध्ययन किए गए हैं. कई देशों में यह सुझाव दिया गया है कि पशु-आधारित खाद्य पदार्थ हार्मोनल कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं. 

 

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