
गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद से लगातार तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. इतना ही नहीं तिहाड़ प्रशासन भी सवालों के घेरे में है. इतना ही नहीं आशंका जताई जा रही है कि जेल में गैंगवार की घटनाएं और बढ़ सकती हैं. ऐसे में अब जेल प्रशासन एक्शन में आ गया है. जेल में गैंगवार की घटना से निपटने के लिए Quick response team (QRT) बनाई गई है. इतना ही नहीं एक जेल से दूसरे जेल में मोबाइल फोन, ड्रग्स आदि न फेंके जा सकें, इसके लिए हर तरफ जाल भी लगाया जा रहा है.
दरअसल, तिहाड़ में 14 अप्रैल गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 2 मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की भी चार लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी. अब स्पेशल सेल के सूत्रों ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में जेल में गैंगवार की घटनाएं और बढ़ सकती हैं. ऐसे में जेल के अंदर QRT की तैनाती की गई है.
QRT टीम में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस और दिल्ली जेल स्टाफ के अलावा अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी रखा गया है. एक टीम में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के अलावा 7-8 जवान शामिल होंगे. QRT टीम Anti riot equipment से लैश होगी. अगर जेल में किसी तरह की गैंगवार होती है तो QRT टीम खुद को सुरक्षित रखने के साथ साथ खूंखार कैदियों का मुकाबला भी कर सकती है.
जेल में हर तरफ जाल लगाया जा रहा
तिहाड़ जेल में हर तरफ जाल लगाया जा रहा है, ये बर्ड नेट है. जेल प्रशासन इस तरह का जाल हर जेल में लगा रहा है. दरअसल, जेल के बाहर से और कभी कभी एक जेल नंबर से दूसरे जेल नंबर में मोबाइल फोन और ड्रग्स जेल के अंदर फेंका जाता है. इनका इस्तेमाल जेल में बंद कैदी करते हैं. ऐसे में इस जाल के जरिए मोबाइल फोन और ड्रग और हथियारों को जेल के अंदर आने से रोका जा सकता है. हालांकि ये कितना कारगर साबित होगा, ये देखने वाली बात होगी. इसके अलावा जेल स्टाफ की अपराधियों से सांठ गांठ की खबरें भी आती रहती हैं, हालांकि, इस पर अंकुश लगाने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है.
दूसरे राज्यों में ट्रांसफर किए जाएंगे खूंखार कैदी
तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाल ही में दिल्ली सरकार को लेटर लिख कर जेल में बंद खूंखार अंडर ट्रायल कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट करने की भी मांग की है. तिहाड़ प्रशासन ने लेटर में लिखा है की ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि किसी भी राज्य की जेल से दूसरे राज्य की जेल में अपराधियों को ट्रांसफर किया जा सके. फिलहाल नियम ये है कि किसी दूसरे स्टेट में कैदियों का ट्रांसफर करने के लिए उस स्टेट की परमिशन लेनी होती है. ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में बदलाव देश की संसद से ही हो सकता है.