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जापान में रखी नेताजी की अस्थियों का हो DNA टेस्ट, सुभाष चंद्र बोस की बेटी की मांग

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने कहा कि मैं नेताजी की अस्थियों के डीएनए टेस्ट के लिए भारत सरकार से संपर्क करूंगी. मैं डीएनए टेस्टिंग के लिए तैयार हूं. प्रो. अनीता बोस ने कहा कि पहले में इसको लेकर हिचकिचाती थी, लेकिन अब मैं तैयार हूं. डीएनए टेस्ट के बाद भी षड्यंत्र के सिद्धांत सामने नहीं आएंगे, लेकिन अधिकांश लोगों की सोच में अंतर आएगा.

नेताजी और उनकी बेटी अनीता बोस फाफ (फाइल फोटो) नेताजी और उनकी बेटी अनीता बोस फाफ (फाइल फोटो)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी प्रो. अनीता बोस फाफ ने जापान के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि अभी भी लोगों को संदेह है कि वो अस्थियां नेताजी की नहीं हैं तो इसके लिए डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ इस मुद्दे पर बात करके उन्हें खुशी होगी.  

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नेताजी की बेटी ने कहा कि मैं अपने की अस्थियों के डीएनए टेस्ट के लिए भारत सरकार से संपर्क करूंगी. मैंने अपनी इसको लेकर जनता से संपर्क किया है. मैं डीएनए टेस्टिंग के लिए तैयार हूं. हालांकि मुझे इसकी जरूरत नहीं है, लेकिन उल्टी-सीधी कहानियों को खत्म करने के लिए जरूरी है. प्रो. अनीता बोस ने कहा कि पहले में इसको लेकर हिचकिचाती थी, लेकिन अब मैं डीएनए टेस्ट कराने को तैयार हूं. डीएनए टेस्ट के बाद भी षड्यंत्र के सिद्धांत सामने नहीं आएंगे, लेकिन अधिकांश लोगों की सोच में इसको लेकर फर्क पड़ेगा. 

15 अगस्त को जारी किया था बयान

प्रो. फाफ ने कहा कि इस मामले में मैं पीएम मोदी से बात करने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन बीते 2 साल में महामारी की वजह से बोल नहीं सकी, अब मुझे प्रधानमंत्री से बात करने में खुशी होगी. इससे पहले अनीता बोस ने 15 अगस्त को बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जापान के रेंकोजी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों को वापस भारत लाया जाए. 

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रेंकोजी मंदिर में रखी हैं अस्थियां

प्रो. अनीता बोस फाफ ने कहा था कि अनीता ने कहा कि टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में नेताजी के अवशेषों को एक 'अस्थायी' जगह पर रखा है. यहां देखभाल करने वाली तीन पीढ़ियां गुजर गई हैं. जापानी लोगों के मन में सम्मान भी देखा जाता है. जापान के अधिकांश प्रधानमंत्रियों समेत कई भारतीय नेताजी को श्रद्धांजलि देते आए हैं. उन्होंने कहा था कि लोगों को संदेह कि नेताजी का निधन 18 अगस्त 1945 में नहीं हुआ था और रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष नेताजी के नहीं हैं. इसके लिए डीएनए टेस्ट कराना होगा. 

उन्होंने कहा कि रेंकोजी मंदिर के पुजारी और जापान सरकार इस तरह के परीक्षण के लिए सहमत है, जैसा कि नेताजी की मृत्यु (जस्टिस मुखर्जी जांच आयोग) की अंतिम सरकारी भारतीय जांच रिपोर्ट में दिखाया गया है. तो चलिए अंत में नेताजी को घर वापस लाने की तैयारी करते हैं. 

नेताजी की बेटी की भावुक अपील

अनीता ने पत्र में ये भी लिखा- दरअसल, नेताजी के लिए अपने जीवन में देश की आजादी से ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण नहीं था. वह विदेशी शासन से मुक्त भारत में रहने के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते थे. चूंकि, उन्होंने स्वतंत्रता के आनंद का अनुभव करने के लिए नहीं जीया, इसलिए समय आ गया है कि कम से कम उनके अवशेष भारतीय जमीन पर लौट सकें. नेताजी की इकलौती संतान के रूप में मैं ये सुनिश्चित करने के लिए अपील कर रही हूं कि उनकी सबसे प्रिय इच्छा, स्वतंत्रता में अपने देश लौटने की थी. आखिरकार इस रूप में ये इच्छा पूरी होगी और उन्हें सम्मानित करने के लिए उपयुक्त समारोह किए जाएंगे. 

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