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भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन से परेशान हैं नेताजी की बेटी, नेताजी के आदर्शों के खिलाफ बताया

नेताजी के 125वें जयंती पर शनिवार को फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ अनीता बोस फाफ ने कहा कि वह भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन से परेशान हैं. वहीं, ताइवान ने भारतीय स्कॉलर्स को अपने देश का दौरा करने और नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर उनके आर्काइव में उपलब्ध ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए आमंत्रित किया है.

अनीता बोस ने कहा कि वे भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन से परेशान हैं अनीता बोस ने कहा कि वे भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन से परेशान हैं
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST
  • चीन के मुकाबले भारत पर एक बड़ी जिम्मेदारी है
  • ताइवान ने नेताजी पर और शोध के लिए भारत को आमंत्रित किया
  • कहा- भारतीय विद्वान हमारे पास आ सकते हैं और नेताजी और उनकी विरासत के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं

देश भर में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती शनिवार को मनाई गई. इस अवसर पर नेताजी की बेटी ने कहा है कि वह भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन से परेशान हैं. उन्होंने इसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों के खिलाफ बताया. 

'भारत नेताजी के आदर्शों पर खरा नहीं उतर पाता'

नेताजी के 125वें जयंती पर शनिवार को फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ. अनीता बोस फाफ ने कहा, 'एक बात जो मुझे बहुत परेशान करती है, वह यह है कि भारत एक शक्ति है जिसमें सभी धर्म हैं, लेकिन भारत नेताजी के आदर्शों पर खरा नहीं उतर पाता, जिससे सभी धर्मों के बीच सद्भाव हो. यहां धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन ने मज़बूती से जगह बना ली है.'

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'भारत पर बड़ी जिम्मेदारी है' 

नेताजी की बेटी ने यह भी कहा कि भारत को 'लोकतंत्र' की शक्ति से चीन का मुकाबला करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ एक अर्थशास्त्री नहीं हूं, बल्कि एक सामाजिक अर्थशास्त्री हूं. दो एशियाई दिग्गज भारत और चीन को देखते हुए, मुझे लगता है कि अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि व परंपराओं और एक लोकतंत्र होने से, चीन के मुकाबले भारत पर एक बड़ी जिम्मेदारी है. मुझे उम्मीद है कि भारत एक लोकतंत्र के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी निभाएगा.'

उन्होंने 'लैंगिक समानता' की दिशा में काम करने की भी वकालत की. इस मुद्दे का नेताजी ने भी समर्थन किया था.

ताइवान ने नेताजी पर और शोध के लिए भारत को आमंत्रित किया

इस कार्यक्रम में भारत में ताइवान के उप दूत मुमिन चेन ने भारतीय स्कॉलर्स को अपने देश का दौरा करने और नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर उनके आर्काइव में उपलब्ध ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए आमंत्रित किया है. 1945 में ताइवान में ही, नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

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मुमिन चेन ने कहा, 'नेताजी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े बहुत सारे ऐतिहासिक साक्ष्य और दस्तावेज ताइवान में हैं. इसपर अभी तक बहुत ही कम भारतीय विद्वानों ने ध्यान दिया है. वहीं ऐसी तस्वीरें और ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जो दिखाते हैं कि नेताजी के बारे में बहुत सारी रिपोर्ट थीं.'

उन्होंने कहा, 'मैं भारत में अपने दोस्तों से आगे चलकर इस बारे में कुछ करने के लिए आमंत्रित करता हूं. हमारे पास राष्ट्रीय अभिलेखागार और डेटाबेस है. भारतीय विद्वान हमारे पास आ सकते हैं और नेताजी और उनकी विरासत के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं, जिनका 1930 और 40 के दशक में ताइवान पर बहुत प्रभाव था.'

उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि 1945 में, ताइवान में जहां नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वहां के कुछ ऐतिहासिक दस्तावेज और तस्वीरें राष्ट्रीय अभिलेखागार में संरक्षित हैं, लेकिन इसपर अब तक जनता का ध्यान नहीं गया.

पीएम मोदी और अमित शाह और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई अन्य नेताओं ने रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत पर, प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा की भी स्थापना की.

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