
कोरोना वायरस का एक और नया वैरिएंट भारत में दस्तक दे चुका है. कोविड-19 के एक सबवैरिएंट JN.1 का पहला मामला केरल में सामने आया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रासलय ने इस मामले पर जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियमित अभ्यास के रूप में राज्यों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति की निगरानी कर रहा है.
यह केस केरल में 8 दिसंबर को सामने आया था. बता दें कि 79 वर्षीय महिला के सैंपल 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आया था. महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) के हल्के लक्षण थे और COVID-19 से उबर चुकी थीं.
अलर्ट मोड पर केरल सरकार
केरल में कोविड के नए वैरिएंट का केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इमरजेंसी बैठक की है. इसमें अधिकारियों को मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ तैयार रहने और स्टोर करने का निर्देश दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई कमी न हो. साथ ही बैठक में तय हुआ है कि केरल से लगी सीमा बंद नहीं की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, हमें मॉक ड्रिल करनी होगी और किसी भी चीज के लिए तैयार रहना होगा. यदि कोई पुनरावृत्ति होती है, तो हमें तैयार रहने की जरूरत है. हमने मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि सब के लिए तैयारी कर ली है.'
तमिलनाडु का व्यक्ति सिंगापुर में पाया गया पॉजिटिव
इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री को भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था. वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी. तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में स्ट्रेन पाए जाने के बाद मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई.
सूत्रों की मानें तो भारत में इस जेएन.1 वेरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है. JN.1 सब-वैरिएंट - पहली बार लक्जमबर्ग में पहचाना गया और कई देशों में फैलने गया. यह पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) का वंशज है.
इस वैरिएंट पर क्या कहते हैं जानकार?
इस नए वैरिएंट के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉक्टर एनके अरोड़ा ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, 'यह BA.2.86 का एक सब वैरिएंट है. हमारे पास JN.1 के कुछ मामले हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत निगरानी रख रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है.'
पहले के वैरिएंट्स से कितना अलग है यह JN.1?
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, 'JN.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जो XBB और इस वायरस के पहले के सभी वैरिएंट्स से स्पष्ट रूप से अलग है. यह उन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है जिन्हें पहले भी कोविड संक्रमण हुआ था और जिन लोगों को टीका लगाया गया था.