
भारत की राजनीति के लिहाज से साल 2023 और 2024 बेहद अहम हैं. इस साल जहां 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो वहीं अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे. इसी बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव आयोग के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) खरीदने के लिए कानून मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
एजेसी के मुताबिक ये इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM) भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) से खरीदी जाएंगी. केंद्र सरकार की ओर से ईवीएम मशीनों की खरीद के लिए 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव पास किया गया है.
एजेंसी के मुताबिक ये दोनों ही कंपनिया पब्लिक वेंचर्स हैं. इसके साथ ही लंबे समय से इवीएम का निर्माण कर रही हैं. ईवीएम को लेकर प्रस्ताव में कहा गया था कि जो ईवीएम काफी पुरानी या अनयूज्ड हो चुकी हैं. उन्हें बदलने की जरूरत है.
इसके साथ ही कहा गया है कि मौजूदा साल में 9 विधानसभा चुनाव हैं, जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव होना है. इसके लिहाज से मतदाताओं और मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि के साथ अधिक मशीनों की आवश्यकता होगी. 2004 से अब तक 4 लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में EVM का इस्तेमाल किया जा चुका है.
वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता के खिलाफ शिकायत करने वाली पार्टियों ने भी इसी मशीन का इस्तेमाल कर चुनाव जीता है. कई राजनीतिक दल चुनावों के बाद EVM हटाकर बैलेट पेपर के इस्तेमाल की बात कहते हैं.
ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों पर एक सवाल के जवाब में, CEC राजीव कुमार ने कहा, अगर ईवीएम बोल सकती होती तो शायद कहती, 'जिसने तेरे सर पर तोहमत राखी है, मैंने उसके भी घर की लाज राखी है.' उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के बाद EVM का इस्तेमाल लागू हो गया है, इसलिए कानून को लागू करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है.
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