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'...अगर मैं जरूरी नहीं तो चला जाऊं', नई संसद में खड़गे के न पहुंचने के सवाल पर नाराज हुए अधीर रंजन

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज नए संसद भवन के गज द्वार पर फहराए गए तिरंगा कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इसको लेकर जब अधीर रंजन चौधरी से सवाल पूछा गया तो वह नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि अगर मैं जरूरी नहीं हूं तो बताएं मैं चला जाता हूं.

अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो) अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले पार्लियामेंट के गज द्वार पर तिरंगा फहराया गया. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, प्रमोद तिवारी, JKNC चीफ फारूख अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद रहे. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी इसमें शामिल नहीं हुए. इसको लेकर जब अधीर रंजन से सवाल पूछा गया तो वह नाराज हो गए.  

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दरअसल मीडिया की ओर से अधीर रंजन से खड़गे और राहुल गांधी की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर मैं यहां जरूरी नहीं हूं तो मुझे बताएं, मैं चला जाऊंगा... उन पर ध्यान केंद्रित करें जो यहां मौजूद हैं... मैं यहां हूं, क्या मीडिया के लोगों के लिए ये काफी नहीं है." 

इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वह समारोह में शामिल नहीं हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें काफी देर से यह निमंत्रण मिला है. उन्होंने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. 

कार्यसमिति बैठक का दिया हवाला 

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कार्यक्रम के लिए देरी से न्योता मिलने पर नाखुशी जाहिर की. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर को यह कार्यक्रम है जबकि खड़गेजी को 15 सितंबर को दोपहर 12 बजे न्योता भेजा गया है. सरकार को पहले से पता था कि हमारी कांग्रेस कार्यसमिति की पहले से तय बैठक 16-17 सितंबर को हैदराबाद में होने जा रही है. 

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नए संसद के गज द्वार पर ध्वजारोहण करने से पहले धनखड़ और बिड़ला को सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप ने अलग से गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है. भारत युग परिवर्तन का गवाह बन रहा है. दुनिया भारत की शक्ति और योगदान को पूरी तरह से पहचान रही है. हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां हम विकास, उपलब्धियां देख रहे हैं.  

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फारूख अब्दुल्ला ने क्या कहा?

कार्यक्रम में मौजूद रहे नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने  कहा कि भारत के इतिहास में यह एक नया अध्याय खुल रहा है. हम इंतज़ार कर रहे थे कि कब नए संसद भवन में जाएंगे और अब वह दिन आ गया है. 

कैसा है नया संसद भवन? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी. 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन हुआ. नया संसद भवन 29 महीने में बनकर तैयार हो गया. नए संसद भवन को त्रिकोणीय आकार में तैयार किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा स्पेस को इस्तेमाल में लाया जा सके. ये 64,500 वर्गमीटर में बना हुआ है. इसे बनाने में 862 करोड़ रुपये की लागत आई है. 

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पुराने संसद भवन में लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने की जगह है. जबकि, नए भवन में लोकसभा चैम्बर में 888 सांसद बैठ सकते हैं. संयुक्त संसद सत्र की स्थिति में 1,272 सांसद बैठ सकेंगे. जबकि, राज्यसभा चैम्बर में 384 सांसद आसानी से बैठ सकते हैं. नई संसद में लोकसभा चैंबर को राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा चैंबर को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर तैयार कराया गया है.

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