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न्यूजीलैंड एंबेसी ने कांग्रेस नेता से मांगी ऑक्सीजन, फिर हटाया ट्वीट, Srinivas ने पहुंचाए सिलेंडर

न्यूजीलैंड दूतावास की तरफ से रविवार सुबह एक ट्वीट कर कांग्रेसी नेता से मदद मांगी कि उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है. हालांकि, बाद में जब सवाल उठे तो दूतावास ने ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा कि उनसे गलती से ट्वीट हो गया था.

गीता मोहन/पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2021,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST
  • न्यूजीलैंड दूतावास के ट्वीट पर विवाद
  • बाद में दूतावास ने डिलीट किया ट्वीट
  • फिलीपींस एंबेसी को भी पहुंचाई मदद

न्यूजीलैंड दूतावास ने रविवार को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कथित तौर पर कांग्रेसी नेता से मदद मांगी. इसके लिए न्यूजीलैंड दूतावास की तरफ से ट्वीट भी किया गया. हालांकि, जब सरकार पर सवाल उठे तो दूतावास की तरफ से ट्वीट डिलीट कर दिया गया. दूतावास ने सफाई देते हुए कहा कि उनसे गलती से ट्वीट हो गया था.

दरअसल, रविवार सुबह न्यूजीलैंड दूतावास की तरफ से एक ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में दूतावास ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास से ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मदद मांगी. इस ट्वीट में दूतावास में कांग्रेस के एसओएस ट्विटर अकाउंट को भी टैग किया. दूतावास ने लिखा, "क्या आप न्यूजीलैंड दूतावास में ऑक्सीजन सिलेंडर की तत्काल मदद पहुंचा सकते हैं? धन्यवाद."

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इसी ट्वीट पर विवाद हो गया. सोशल मीडिया पर सवाल उठे कि सरकार क्या कर रही है, जो विदेशी दूतावासों को भी विपक्षी नेताओं से मदद मांगनी पड़ रही है. विवाद होते ही न्यूजीलैंड एंबेसी ने ट्वीट डिलीट कर दिया और एक नया ट्वीट किया. नए ट्वीट में दूतावास ने लिखा, "हम ऑक्सीजन सिलेंडरों की तत्काल व्यवस्था के लिए सभी सोर्सेस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. हमसे गलती हो गई, जिसके लिए हमें खेद है."

न्यूजीलैंड दूतावास के मदद मांगने के बाद कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने ऑक्सीजन सिलेंडर भी पहुंचा दिए. इससे पहले शनिवार रात को कांग्रेस ने ही फिलीपींस दूतावास में भी ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए थे. विदेशी दूतावासों को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बवाल भी शुरू हो गया है. कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. 

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इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, "विदेश मंत्रालय सभी उच्च आयोग और दूतावासों के साथ संपर्क में है और उनकी सभी मेडिकल डिमांड, खासतौर से कोविड से जुड़ीं, पर रिस्पॉन्ड किया जा रहा है. इसमें अस्पताल में उनके इलाज की सुविधा भी शामिल है." उन्होंने आगे कहा, "महामारी को देखते हुए, सभी से अपील की जाती है कि वो ऑक्सीजन समेत दूसरी तरह की जरूरी सप्लाई ना करें."

हालांकि, इससे पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बीच इस मामले पर ट्विटर पर बहस भी हुई. जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि "एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं कांग्रेस के प्रयासों को धन्यवाद देता हूं. मैं ये सोचकर हैरान हूं कि विदेशी दूतावासों को एक विपक्षी पार्टी के नेताओं से मदद मांगनी पड़ रही है. क्या विदेश मंत्रालय सो रहा है?"

इस पर विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कांग्रेस पर 'सस्ती' राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, "विदेश मंत्रालय ने फिलीपींस एंबेसी में जांच की. वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की जबर सप्लाई की गई, क्योंकि वहां कोरोना के कोई मामले नहीं हैं. साफ दिखाई देता है कि कौन सस्ती राजनीति कर रहा है.' उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब लोगों को सिलेंडर की सख्त जरूरत है, तब बेवजह सिलेंडर बांटना भयावह है.

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विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे लिखा, "जयरामजी, विदेश मंत्रालय कभी नहीं सोता. हमारे लोग दुनियाभर में हैं. हम जानते हैं कि कौन क्या करता है."

वहीं, बीजेपी नेता और लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी कांग्रेस की मदद पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "फर्जी एसओएस कॉल के एंबेसीस को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना, दो चीजें दिखाता है. पहला तो ये कि यूथ कांग्रेस के पास मेडिकल इक्विपमेंट हैं, जो अस्पतालों में होना चाहिए. और दूसरा ये कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को शर्मिंदा कर रहे हैं."

इंडिया टुडे को सूत्रों से जानकारी मिली है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए फिलीपींस एंबेसी की तरफ से विदेश मंत्रालय या किसी भी संगठन से कोई अनुरोध नहीं किया गया था. ये भी पता चला है कि जब ऑक्सीजन सिलेंडर फिलीपींस एबेंसी तक पहुंचाए गए, तो वहां के स्टाफ को ये भी नहीं पता था कि ये लोग किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं.

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