
डिजिटल न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक के फंडिंग केस के मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की जांच जारी है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम मुंबई के लिए निकली है. जांच अधिकारी एसीपी लेवल के अधिकारी की टीम आज शनिवार को मुंबई पहुंचेगी. यहां पहुंचकर स्पेशल टीम, हाउस अरेस्ट गौतम नवलखा से पूछताछ कर सकती है. नवलखा से चीन की फंडिंग और कई अन्य आरोपों पर पूछताछ की जाएगी.
एल्गार परिषद मामले में जांच का सामना कर रहे थे गौतम नवलखा
असल में गौतम नवलखा, पुणे के एल्गार परिषद मामले में जांच का सामना कर रहे हैं. 2018 एल्गार परिषद मामले में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को इसी महीने 20 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. हालांकि, कोर्ट अपने फैसले पर तीन हफ्ते की रोक लगा दी ताकि एनआईए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सके. गौतम नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से तलोजा सेंट्रल जेल में बंद थे. नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को उनकी खराब सेहत का हवाला देकर हाउस अरेस्ट की मंजूरी दे दी थी.
न्यूजक्लिक मामले में जांच पूरी करने के लिए 60 दिन की मोहलत
बता दें कि अभी हाल ही में, न्यूज़क्लिक मामले में अदालत ने जांच पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को 60 दिन की मोहलत दी थी. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने बीते शु्क्रवार न्यूज़क्लिक और इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती के खिलाफ अपनी जांच पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल को 60 दिनों के विस्तार की अनुमति दी. इन आरोपों के बाद कि समाचार पोर्टल को चीन समर्थक प्रचार फैलाने के लिए पैसे मिले थे, उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराएं लगाई गई थीं. कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत भी 20 जनवरी तक बढ़ा दी.
इस महीने की शुरुआत में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 22 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. UAPA मामले के सिलसिले में न्यूज़क्लिक से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी के बाद अक्टूबर में दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने कई थी कई स्थानों पर छापेमारी
ईडी ने पहले फंडिंग के स्रोतों की जांच के लिए फर्म के परिसरों पर छापेमारी की थी. स्पेशल सेल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर तलाशी जारी रखी. अगस्त में, द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि न्यूज़क्लिक को एक अमेरिकी करोड़पति, नेविल रॉय सिंघम से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली, जिस पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की प्रचार शाखा के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप था.