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चीनी प्रोपेगेंडा और न्यूजक्लिक विवाद से कैसे जुड़ रहा प्रकाश करात का नाम, चौंकाने वाले हैं खुलासे

न्यूजक्लिक पर पेड न्यूज के गंभीर आरोप लगे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यूज़क्लिक और उसके संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया गया था. मामले की सुनवाई जस्टिस सौरभ बनर्जी की पीठ कर रही है.

सीपीएम नेता प्रकाश करात सीपीएम नेता प्रकाश करात
मुनीष पांडे/सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

चीन ना केवल सीमा पर बल्कि अन्य माध्यमों से भी भारत में लगातार घुसपैठ की कोशिश कर करता रहा है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार लगभग 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है. सरकार ने इन ऐप्स को “भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, देश की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक बताया गया था. अब ताजा मामला न्यूक्लिक से जुड़ा है. आरोप है कि न्यूजक्लिक ने नियमों का उल्लंघन कर 38 करोड़ रुपये जुटाए थे.

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सरकार APP कर चुकी है प्रतिबंधित

इससे पहले, भारतीय एजेंसियों ने पाया था कि चीन भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने, रक्षा प्रणाली की जासूसी करने और भारत से चीन में मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए मोबाइल फोन एप्लिकेशन, गेमिंग एप्लिकेशन और कुछ फर्मों का उपयोग कर रहा था. सरकार ने टिकटॉक, जेंडर, शीइन और कैमस्कैनर जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. PUBG मोबाइल और गरेना फ्री फायर जैसे लोकप्रिय मोबाइल गेम्स को भी भारत द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था.

मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल चीनी कंपनियों के खिलाफ चली कार्रवाई के तहत ईडी ने हाल ही में चीन स्थित Xiaomi समूह पर छापेमारी कर 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे. ईडी के मुताबिक जब्त की गई रकम कंपनी के बैंक खातों में पड़ी थी. इसी तरह की कार्रवाई चीन स्थित मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ भी की गई थी. हालाँकि, न्यूज़क्लिक के खिलाफ हालिया कार्रवाई एजेंसी द्वारा एक मीडिया फर्म के खिलाफ पहली कार्रवाई है जो कथित तौर पर समाचार प्रारूप में चीन समर्थक जानकारी बेचने में शामिल है.

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न्यूजक्लिक पर लगे गंभीर आरोप

सरकार द्वारा चीनी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पार्टी और वेबसाइट पोर्टल न्यू क्लिक की तीखी आलोचना के एक दिन बाद, न्यूज़क्लिक के निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ के साथ करोड़पति नेविल रॉय सिंघम और सीपीआई (सीपीआईएम) के प्रकाश करात साथ विभिन्न पत्रकारों के बीच हुए ईमेल्स एक सीरीज सामने आई. न्यूज़क्लिक के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी तलाशी के दौरान ईमेल प्राप्त हुए. आरोपों के अनुसार, इन ईमेल्स में यह कहा गया था कि चीन ने कोविड महामारी के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी उसका महिमामंडन करना है.

पेड न्यूज का मामला

वित्तीय जांच एजेंसी ने संकेत दिया है कि न्यूज़क्लिक को भारत में चीन समर्थक जानकारी फैलाने के लिए चीन में रहने वाले सिंघम से 38 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि प्राप्त हुई थी. आरोपों के मुताबिक, प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगी पत्रकार अपनी वेबसाइट पर पेड न्यूज प्रकाशित कर रहे हैं और इसके बदले में पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को समय-समय पर फंड ट्रांसफर किया जा रहा है.जिन लोगों को पैसा ट्रांसफर किया गया उसमें तीस्ता सीतलवाड़ के पति, उनकी बेटी के अलावा गौतम नवलखा को भी पैसे दिए गए।

प्रबीर पुरकावस्थ और गौतम नवलखा ने मौजूदा रक्षा आपूर्तिकर्ता के साथ एक कंपनी भी बनाई है. सूत्रों ने बताया, 'डिजिटल साक्ष्यों से साबित हुआ है कि प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगी पत्रकार सीपीसी, चीन की विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिसमें चीन की छवि को बढ़ाना और अलीबाबा के मालिक के खिलाफ की गई हालिया कार्रवाई सहित कई चीनी कार्रवाइयों का समर्थन करना शामिल है. इस बात के डिजिटल साक्ष्य हैं कि नेविल रॉय सिंघम और सीपीआई (एम) के नेता श्री प्रकाश करात के बीच घनिष्ठ सहयोग रहा है.'

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चीनी सिंघम ने की फंडिंग

आरोपों के अनुसार, प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य संबद्ध पत्रकारों द्वारा सरकार विरोधी खबरों को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के प्रतिनिधि नेविल रॉय सिंघम द्वारा निवेश के लिए ट्रैक किया गया. नेविल रॉय सिंघम चीन से ताल्लुक रखता है और कथित तौर पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उद्देश्यों और गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम करता है.

आरोप के मुताबिक, मैसर्स पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को मिली फंडिंग पैटर्न की सावधानीपूर्वक जांच के बाद यह बिना किसी संदेह के साबित हो गया है कि न्यूज़ पोर्टल एक चीनी नागरिक नेविल रॉय सिंघम के कहने पर राष्ट्र-विरोधी समाचार अपलोड करने के लिए बनाया गया है. प्रबीर पुरकायस्थ और नेविल रॉय सिंघम वर्ष 2017 से एक साथ काम कर रहे हैं. पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को पैसा ट्रांसफर करने की एक योजना बनाई गई थी.

प्रकाश करात का नाम भी आया सामने

सिंघम के ईमेल एक्सचेंजों में, अधिकांश बातचीत में चीन में सीपीआई (एम) की कवरेज, भारत में चीन विरोधी भावनाओं की खबरें, चीन से निवेश और आयात पर प्रतिबंध, केरल में हालिया स्थानीय निकाय चुनाव में सीपीआईएम की जीत, प्रकाश करात द्वारा एएनटी और अलीबाबा के खिलाफ की गई चीनी सरकार की कार्रवाई की प्रशंसा और माओत्से तुंग को दी गई श्रद्धांजलि शामिल है.

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दिल्ली हाईकोर्ट का न्यूजक्लिक को नोटिस

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज़क्लिक और उसके संपादक को दंडात्मक कदमों से बचाने वाले आदेशों को रद्द करने की मांग वाली ईडी की याचिका पर नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उसकी राय में ईडी के दावे में दम है और इस पर विचार-विमर्श की जरूरत है. ईडी ने अदालत से कहा कि यह आपराधिक साजिश, पेड न्यूज का मामला है, जहां कानूनों का उल्लंघन कर 38 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.

ईडी के वकील ने कहा यह साजिश का मामला

ईडी के वकील ने कोर्ट से कहा कि यह बहुत बड़ी आपराधिक साजिश का मामला है और हम आदेश को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वकील का कहा कि प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मौजूद नहीं हुए हैं. जिस पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि ईडी उन आदेशों को इस आधार पर रद्द करना चाहता है कि याचिका में एक आंतरिक दस्तावेज की मांग की है, याचिका अपने आप में विचारणीय नहीं है, और यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ हैं.

चूंकि ईडी ने अब अतिरिक्त सामग्री का पता लगाया है जो याचिकाकर्ता द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और अनुसूचित अपराधों के अपराध को उजागर करता है.प्रथम दृष्टया इस अदालत की राय में, ईडी के तर्क में दम है और इस पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है.कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का वक्त दे रहे हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.

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क्या है मामला?

दो साल पहले प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पाया गया था कि मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. जांच में पता चला था कि अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से लगातार न्यूजक्लिक को फंडिंग दी गई थी. नेविल पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के साथ संबंध के आरोप लगते रहे हैं. ईडी की जांच में पता चला था कि तीन साल में NewsClick को 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. इसे तीस्ता सीतलवाड़ समेत कई लोगों में बांटा गया था. 

अब इसे लेकर 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में भी एक्टिविस्ट ग्रुप्स, गैर-लाभकारी संगठनों, शेल कंपनियों और चीन के साथ उनके नेटवर्क का पता चला है. इस पूरे नेटवर्क के केंद्र में नेविल रॉय सिंघम हैं. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है, सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट, न्यूजक्लिक को फंडिंग दी है. इसमें जरिए चीनी सरकार के मुद्दों को कवर किया गया.

केंद्रीय मंत्री ने साधा निशाना

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा, यहां तक ​​कि 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' जैसे अखबार भी अब स्वीकार कर रहे हैं कि नेविल रॉय सिंघम और उनका NewsClick चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के खतरनाक हथियार हैं और दुनिया भर में चीन के राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं. 

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अनुराग ठाकुर ने कहा, चीन के प्रति प्यार दिखता था और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार विदेशी जमीन से, विदेशी न्यूज एजेंसियों के माध्यम से भी प्रोपेगेंडा के तहत होता था. एक अजेंडा था - Anti India और Break India कैंपेन ये लोग चलाते थे. इनके यहां सारा सामान चीनी  है और ये चीन को सम्मान देते हैं. 

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