
दिल्ली हाई कोर्ट में न्यूजक्लिक की फंडिंग को लेकर सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने दावा किया कि चीन से एक भी पैसा नहीं आया. सिब्बल ने कहा कि हमें वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी का आधार भी नहीं बताया गया है.
कपिल सिब्बल की गिरफ्तारी के ग्राउंड पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि रिमांड एप्लीकेशन में गिरफ्तारी का ग्राउंड बताया गया है. इस पर सिब्बल ने कहा कि ये सभी तथ्य झूठे हैं. चीन से एक पैसा भी नहीं आया है. हम आज केवल कानूनी मुद्दे पर हैं कि गिरफ्तारी के ग्राउंड पूरे किए गए थे कि नहीं. उनके द्वारा पेश किया गया एकमात्र दस्तावेज अरेस्ट मेमो है.
न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ समेत दो गिरफ्तार, दफ्तर भी सील
डिजिटल न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक के फंडिंग केस में दिल्ली पुलिस ने इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की स्पेशल सेल ने विदेशी फंडिंग की जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के कार्यालय को भी सील कर दिया.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने तीन अक्टूबर को 37 पुरुष और 9 महिलाओं से भी उनके आवास पर पूछताछ की थी. इस दौरान पुलिस ने डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जांच के लिए जब्त किए हैं.
UAPA के मामले में कई पत्रकारों के ठिकानों पर छापेमारी
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज एक मामले में 3 अक्टूबर की सुबह न्यूजक्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों के घर पर छापेमारी शुरू की थी. जिन पत्रकारों के घर पुलिस पहुंची उनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती और परंजय गुहा ठाकुरता सहित अन्य लोग शामिल थे.
38 करोड़ रुपये की हुई थी फंडिंग
ईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि 3 साल के अंदर 38.05 करोड़ रुपए के फेक विदेशी फंड ट्रांजेक्शन किया गया था. ये पैसे गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों के अलावा कई पत्रकारों को दिए गए थे. इसमें एफडीआई के जरिए 9.59 करोड़ रुपये और सर्विस एक्सपोर्ट के बदले 28.46 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई थी. चीन से आया पैसा कुछ विदेशी फर्मों के माध्यम से Newsclick तक पहुंचा. यही पैसा Newsclick से जुड़े पत्रकारों को भी दिया गया था.
चीनी कंपनियों से फंडिंग मिलने का मामला
साल 2021 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने Newsclick को मिली अवैध फंडिंग को लेकर मुकदमा दर्ज किया था. ये संदिग्ध फंडिंग चीनी कंपनियों के जरिये Newsclick को मिली थी. इसके बाद ED ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी, हालांकि हाई कोर्ट ने उस वक्त Newsclick के प्रमोटर्स को गिरफ्तारी से राहत दे दी थी.