Advertisement

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'नेमप्लेट विवाद', योगी सरकार के आदेश को दी गई चुनौती, कल सुनवाई

सोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच 22 जुलाई को सुनवाई करेगी.

यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों को मालिक का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. (PTI Photo) यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों को मालिक का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. (PTI Photo)
संजय शर्मा/कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने का आदेश दिया है, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है. यह याचिका 20 जुलाई की सुबह 6 बजे ऑनलाइन दाखिल की गई. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर लिया है.

Advertisement

सोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच 22 जुलाई को सुनवाई करेगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले भोजनालयों, ढाबों, फलों की दुकानों और चाय की दुकानों को मालिकों के विवरण बताने वाली नेमप्लेट प्रदर्शित करने के लिए कहा है. इसे लेकर राज्य समेत देश की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस आदेश को सांप्रदायिक करार दिया है और भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है.

यह भी पढ़ें: 'कांवड़ लेकर जाने वाला किसी की पहचान नहीं करता', बोले जयंत चौधरी

वहीं, बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं को भी अपनी आस्था की शुद्धता बनाए रखने का वैसे ही पूरा हक है, जैसे अन्य धर्मों के लोगों को. पहले यह आदेश मुजफ्फरनगर पुलिस ने सिर्फ जिले के कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों और भोजनालयों के लिए जारी किया था. विपक्ष के विरोध के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश दे दिया. इसके अलावा, राज्य सरकार ने घोषणा की है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: दुकानों पर नेमप्लेट वाले आदेश को कांवड़ियों ने क्यों बताया सही? देखें

सावन के महीने में निकलने वाली कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है. राज्य में चार प्रमुख कांवड़ यात्रा मार्ग हैं. उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरू होते हैं और पश्चिम यूपी के जिलों से गुजरते हैं. इनमें से एक प्रमुख कांवड़ यात्रा मार्ग उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरू होकर पश्चिम यूपी के जिलों से गुजरता है. पश्चिमी यूपी के मार्गों के अलावा, पूर्वी यूपी में स्थित वाराणसी से भी कांवड़ यात्रा होती है और झारखंड के देवगढ़ में समाप्त होती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में, बाराबंकी और गोंडा के बीच भी कांवड़ यात्रा होती है.

यह भी पढ़ें: कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट पर विवाद तेज, सामने आया BJP नेता रमेश बिधूड़ी का रिएक्शन

इस मामले में योग गुरु बाबा रामदेव की प्रतिक्रिया सामने आई है. बाबा रामदेव ने कहा है, 'अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों दिक्कत होनी चाहिए? अपने नाम पर गौरव सबको होता है. नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, काम में शुद्धता चाहिए बस.' इंडिया ब्लॉक के दलों ने इस कदम को यूपी सरकार द्वारा प्रायोजित 'कट्टरता' और 'मुस्लिम' दुकानदारों को टारगेट करने वाली कार्रवाई करार दी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement