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सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर चीन की ओर से राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश समेत देश के कई अन्य गणमान्य हस्तियों की जासूसी कराए जाने के मामले की जांच की मांग की है. एनजीओ सेव देम इंडिया फाउंडेशन की ओर से याचिका दाखिल की गई है.
देश की सबसे बड़ी अदालत में दाखिल याचिका में चीनी डिजिटल मनी एप द्वारा देश के नागरिकों के डेटा चोरी की आशंका जताते हुए उन पर बैन लगाने की भी मांग की गई है.
सेव द थेम इंडिया फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें भारत सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों (सिटिंग और रिटायर्ड) और भारत के प्रधानमंत्री तथा अन्य प्रभावशाली लोगों के साथ चीन के हरकत की जांच करे.
एनजीओ सेव द थेम इंडिया फाउंडेशन ने वकील विशाल तिवारी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है.
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 एफ, 70, 72 और 72 ए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत साइबर आतंकवाद और साइबर अपराध के लिए पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश मांगा.
याचिकाकर्ता की ओर यह भी मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट को भारत सरकार को निर्देश दे कि वह भारत में चीनी संचालित डिजिटल मनी लेंडिंग एप्स पर प्रतिबंध लगाए और निष्पक्ष तरीके से कोड के विपरीत NBFC और डिजिटल मनी लेंडिंग एप्स के खिलाफ कार्रवाई करे.